वाराणसी,21 मई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के डॉक्टरों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए संवाद किया। उन्होंने उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा बच्चों में दिमागी बुखार को लेकर चलाए गए अभियान को सराहा। इसी को लेकर उन्हें वो बात याद आ गई, जब वह सांसद हुआ करते थे।
पीएम मोदी ने कोरोना काल में डॉक्टरों से संवाद किया। उन्होंने कोरोना संक्रमण को नियंत्रण करने के लिए उनकी तारीफ की। पीएम मोदी ने हर-हर महादेव के साथ संवाद शुरू किया। उन्होंने कोरोना महामारी के बीच काशी और डॉक्टरों की लड़ाई को सराहा। पीएम मोदी ने कहा कि वाराणसी की धरती में बाबा विश्वनाध विराजमान हैं। यहां हर कोई बाबा विश्वनाथ स्वरूप हैं। उन्होंने डॉक्टर्स, नर्स, एंबुलेंस ड्राइवर, टेक्निशियन, वार्ड ब्यॉय, का कोरोना नियंत्रण करने की लड़ाई में साथ देने का धन्यवाद दिया।
योगी सरकार की तारीफ की
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तारीफ करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि सीएम योगी जब गोरखपुर से सासंद थे, तो उस समय पूर्वांचल में दिमागी बुखार से एक के बाद एक बच्चों की मौत होती थी। संसद में वह बच्चों के लिए रोए थे। दिमागी बुखार से हो रही मौतों ने उन्हें रुला दिया था। पहले की सरकारों से प्रार्थना करते थे कि बच्चों को बचाइए। उन्हें प्रदेश में दिमागी बुखार से बच्चों की चिंता रहती थी। उनकी बातों को अनसुना कर दिया जाता था। जब वह मुख्यमंत्री बने तो भारत सरकार और यूपी सरकार ने मिलकर दिमागी बुखार के खिलाफ बहुत बड़ा अभियान शुरू किया। जिसमें योगी सरकार काफी सफल हुई।
यूपी सरकार ने बच्चों की जिंदगी बचाने में सफल हुई। इस बीमारी को काफी हद तक नियंत्रण में किया। इसका लाभ पूर्वांचल में बच्चों को हुआ है। यह उदाहरण हमें दिखाता है कि इसी तरह कि संवेलशीलता कायम करके रखनी है। हमें याद रखना है कि यह लड़ाई अदृश्य और रूप बदलने वाले धूर्त किस्म के दुश्मन के खिलाफ है। इस लड़ाई में हमें कोरोना से अपने बच्चों को भी बचाकर रखना है। उसके लिए भी विशेष तैयारी रखनी है। सरकार भी इस लड़ाई में काम कर रही है।
पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना वायरस ने हमारे कई अपनों को हमसे छीना है। इस दौरान उन सभी लोगों को उन्होंने श्रद्धांजलि दी जो कोरोना की वजह से मारे गए और उनके परिजनों के प्रति सांत्वना व्यक्त की। पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर में हमें कई मोर्चों पर एक साथ लड़ना पड़ रहा है। इस बार संक्रमण दर भी पहले से कई गुना ज्यादा है। मरीजों को ज्यादा दिनों तक अस्पताल में रहना पड़ रहा है। इससे हमारे स्वास्थ्य सिस्टम पर दबाव पड़ा है। इस असाधारण परिस्थिति में भी हमारे डॉक्टर्स, हेल्थ वर्कर्स के इतने बड़े परिश्रम से ही इस दबाव को संभालना संभव हुआ है।
फ्रंटलाइन वर्करों का धन्यवाद करते हुए कहा कि आप सभी ने एक-एक मरीज की जीवन रक्षा के लिए दिन-रात काम किया। खुद की तकलीफ, आराम इन सबसे ऊपर उठकर जी-जान से काम करते रहे। बनारस ने जिस स्पीड से इतने कम समय में ऑक्सीन और आईसीयू बेड्स की संख्या कई गुना बढ़ाई है, जिस तरह से इतनी जल्दी पंडित राजन मिश्र कोविड अस्पताल को सक्रिय किया है, ये भी अपने आप में एक उदाहरण है। आपके तप से, और हम सबके साझा प्रयासों से महामारी के इस हमले को आपने काफी हद तक संभाला है लेकिन अभी संतोष का समय नहीं है। हमें अभी एक लंबी लड़ाई लड़नी है। अभी हमें बनारस और पूर्वांचल के ग्रामीण इलाकों पर भी बहुत ध्यान देना है।