वाराणसी,21 मई। कोरोना से जारी जंग में सफलता की ओर बढ़ रहे बनारस के कोरोना योद्धाओं से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को सीधा संवाद करेंगे। महज डेढ़ महीने में कोरोना संकट से उबरने में वाराणसी मॉडल पर बात करेंगे। टेस्ट, ट्रैक और ट्रीट के साथ प्रशासनिक कार्य कुशलता की जानकारी लेंगे। कोराना संकट में मरीजों की सेवा में जुटे चिकित्सक, पैरामेडिकल स्टाफ, एंबुलेंस चालक सहित अन्य कर्मचारियों से पीएम बात करेंगे।
प्रधानमंत्री के संवाद को लेकर बीएचयू, दीनदयाल अस्पताल, ईएसआईसी, मंडलीय अस्पताल, डीआरडीओ समेत अन्य सरकारी अस्पतालों के डॉक्टरों डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ के करीब 100 लोगों की सूची तैयार हो गई है, जो आयुक्त सभागार में प्रधानमंत्री के इस कार्यक्रम में शामिल हो सकेंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुक्रवार को सुबह 10:30 बजे ऑनलाइन संवाद के माध्यम से कोरोना योद्धाओं का उत्साह बढ़ाया जाएगा। बृहस्पतिवार को स्वास्थ्य विभाग की ओर से अलग-अलग जिम्मेदारियों में लगे अधिकारियों, कोविड अस्पताल के चिकित्सकों, पैरामेडिकल स्टाफ की सूची जिला प्रशासन को भेज दी गई है।
सभी को सुबह 10 बजे तक कमिश्नरी सभागार में मौजूद रहने का निर्देश दिया गया है। जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने बताया कि पीएम नरेंद्र मोदी कोरोना योद्धाओं से बात करेंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार वर्चुअल माध्यम से कोविड-19 के संक्रमण का हाल और तीसरी लहर की तैयारियों की जानकारी लेंगे। इस दौरान बीएचयू, डीआरडीओ, दीनदयाल राजकीय जिला अस्पताल, ईएसआईसी सहित अन्य अस्पतालों के चिकित्सकों से कोरोना संक्रमण की जानकारी लेंगे।
इसमें पीएम चिकित्सकों की भूमिका और संकट काल के उनके अनुभवों को साझा करेंगे। दरअसल, कोरोना की दूसरी लहर की जबरदस्त चपेट में आए वाराणसी ने डेढ़ महीने में स्थिति को संभाल लिया है। 40 फीसदी तक पहुंचा संक्रमण दर अब पिछले तीन दिनों से तीन फीसदी पर पहुंच गया है। एक अप्रैल से संक्रमण दर बढ़ने का सिलसिला अब थमने लगा है।
मगर, अप्रैल के दूसरे और तीसरे सप्ताह में कोरोना संक्रमण की दर 40 फीसदी से ज्यादा पहुंच गई। मगर, 18 अप्रैल को पीएम नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के प्रशासनिक अधिकारियों से सीधा संवाद कर उन्हें टेस्ट, ट्रेस और ट्रीट का मंत्र दिया था। उस समय अस्पतालों में बेड से लेकर आक्सीजन तक की दिक्कत हो गई थी। मगर, पीएम के संवाद के बाद पीएमओ सक्रिय हुआ और आक्सीजन आदि की व्यवस्था सुदृढ़ हुई। इसके साथ ही प्रशासन की सजगता के वजह से संक्रमण की रफ्तार भी थमने लगी।