वाराणसी। अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहने वाले सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और भागीदारी संकल्प मोर्चा के सहयोगी दल के कद्दावर नेता ओमप्रकाश राजभर आज एक बार फिर अपने पुराने सहयोगी भारतीय जनता पार्टी पर जमकर बरसे। दरअसल आज ओमप्रकाश राजभर वाराणसी से सोनभद्र के लिए निकले थे तो बीच सड़क पर ही उन्होंने मीडिया से बात करना शुरू कर दिया। ओमप्रकाश राजभर ने 100 करोड़ लोगों को वैक्सीन लग जाने के बाद बीजेपी के जश्न मनाये जाने पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि यदि सर्वे हो जाएगा और बनारस में ही सर्वे करा लिया जाए तो इनकी झूठ का पुलिंदा खुल जाएगा। कहा कि अभी ग्रामीण इलाकों में 5 परसेंट लोगों को भी वैक्सीन नहीं लगा है और शहर के इलाके में भी 30-40 प्रतिशत लोग अभी तक वैक्सीन नहीं लगवाए हैं। यह सब कुछ फर्जी है।
यही नहीं ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि भाजपा के लोग काम अगर 10 पैसे का करते है और उसे 90 पैसा बताते हैं। सपा के साथ आने के बाद भाजपा को सत्ता के बाहर करने का दावा किया। भागीदारी संकल्प मोर्चा में अब तक 10 दलों का गठबंधन हुआ है जिसके बाद कल ओमप्रकाश राजभर ने समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के साथ मुलाकात की।
सपा के साथ गठबंधन माना जा रहा है तय :-
इस मुलाकात के बाद जब ओपी राजभर से पूछा गया कि अखिलेश से मिले तो अब क्या रणनीति है? इसके जवाब में ओपी राजभर ने कहा कि प्रदेश की जनता बदलाव चाहती है, इस बदलाव के लिए अखिलेश भी तैयार हैं और भागीदारी संकल्प मोर्चा भी तैयार है। हम सभी लोग साथ में मिलकर 2022 में सरकार बनाएंगे और भारतीय जनता पार्टी को सत्ता से बाहर करेंगे।'
हलधरपुर मऊ मैदान में होगा गठबंधन का ऐलान':-
ओपी राजभर ने कहा कि प्रदेश की जनता महंगाई से और भ्रष्टाचार से परेशान है। महिलाओं की सुरक्षा, जातिगत जनगणना, सामाजिक न्याय समिति की रिपोर्ट, गरीबों का बिजली का बिल माफ और उनका इलाज फ्री हो। ओपी राजभर ने कहा कि मऊ के हलधरपुर का मैदान है जहां टेंट लग रहा है, तैयारी हो रही है,27 अक्टूबर को गठबंधन का ऐलान किया जाएगा। जब ओपी राजभर ने पूछा गया कि क्या एआईएमआईएम के ओवैसी भी साथ होंगे तो उन्होंने कहा कि 27 अक्टूबर को मऊ के हलधरपुर में आप सभी को निमंत्रण है, आइए और साथ में देखिए क्या - क्या होता है।
अखिलेश शिवपाल के रास्ते अलग लेकिन रथ आकर मिलेगा लखनऊ में:-
ओमप्रकाश राजभर के भागीदारी संकल्प मोर्चा से प्रगतशील समाजवादी पार्टी का भी गठबंधन हुआ है। ऐसे में अखिलेश यादव के साथ आने पर क्या चाचा भतीजे के आपसी मतभेद दूर होंगे? इस सारे विवाद पर ओमप्रकाश राजभर ने जवाब दिया कि परिवार का झगड़ा है, लेकिन परिवार एक हो जाता है। चाचा - भतीजा हैं आपस में बैठकर बात कर लेंगे। हमारा प्रयास होता है कि परिवार में झगड़ा ना हो। जहां तक मतभेद की बात है तो देखिये यदि विरोधी की बात कर रहे हैं तो सपा और बसपा धुर विरोधी थी, उनका 36 का आंकड़ा था लेकिन दोनों 36 से 63 हो गए। दोनों अलग अलग राजनीतिक मंच पर रहते हैं तो तीर धनुष चलाते है लेकिन जब दोनों साथ में जाते हैं तो तीर धनुष रख दूसरा हथियार उठा लेते है, ऐसे ही चाहे शिवपाल जी हो या अखिलेश यादव, अभी भले ही दोनों की विजय यात्रा निकली है लेकिन सारी सड़कें अंत में लखनऊ में जाकर मिलती हैं और फिर लखनऊ से अलग-अलग करके जाती है, दिल्ली में जाकर मिलती हैं। ऐसे में चाचा और भतीजा सभी आकर लखनऊ में एक साथ मिल जाएंगे।
बतातें चले कि सुभासपा राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर सोनभद्र जाते समय 1 घंटे के लिये रुके वाराणसी मीडिया से किया बातचीत सुभासपा प्रदेश सचिव सुनील पटेल के पिता चौहर्या पटेल विधानसभा शहर उत्तरी ग्राम घुरहू पुर सारनाथ वाराणसी का 13 अक्टूबर दिन बुधवार को स्वर्गवास हो गया था जिनको श्रधांजलि भी दिया ओम प्रकाश राजभर जी अजगरा के विधायक कैलाशनाथ सोनकर, प्रदेश प्रवक्ता शशिप्रताप सिंह रमेश राजभर, जागेश्वर राजभर, दशरथ राजभर, 56 राजभर, रुद्र विश्वकर्मा, वीरेंद्र पाल, गोविंद राजभर, गुलाब पटेल, आदि सुनील पटेल के घर पहुंचे । वहाँ मृतक आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना कर परिवार के लोगों को ढांढस बंधाया।