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धूम धाम से स्थापित हुई माँ अन्नपूर्णा की मूर्ति, कई राजनेताओ ने लगाई हाजरी ।

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Posted On:Monday, November 15, 2021

वाराणसी। काशी से चोरी हुई माता अन्नपूर्णा की प्रतिमा कनाड़ा सरकार ने भारत को सौंपा तो, 11 नवंबर को केंद्र ने उत्तर प्रदेश सरकार को हैंडओवर कर दिया। 11 नवंबर को राज्य सरकार ने दिल्ली से पालकी शोभायात्रा निकाली जो 14 नवंबर को काशी पहुँची। सोमवार यानि 15 नवंबर को जैसे ही माता अन्नपूर्णा को नगर भ्रमण के लिए दुर्गाकुंड मंदिर से पालकी उठाई गई, जगह-जगह स्वागत को लोग खड़े रहे। माता की पालकी पर जगह-जगह पुष्पवर्षा होती रही तो लोग रोककर आरती उतारते रहे।

राजनेताओ ने लगाई हाजरी। 
जैसे ही माता की पालकी बाबा विश्वनाथ धाम पहुँची, सीएम योगी आदित्यनाथ, मंत्री आशुतोष टन्डन, मंत्री अनिल राजभर और मंत्री नीलकंठ ने अगुवाई की। सीएम ने पालकी अपने कंधे पर लेकर मंदिर में प्रवेश करवाया। कॉरिडोर के ईशान कोण में चल रहे प्राण प्रतिष्ठा पूजा के दौरान मुख्यमंत्री ने अपने हाथों से स्थापित करवाया। काशी विश्वनाथ मंदिर का अर्चक दल काशी विद्वत परिषद की निगरानी में संपूर्ण प्रक्रिया को पूर्ण कराया। इस दौरान पूरे शहर में उल्लास छाया रहा।

18वीं सदी की बताई जाती है प्रतिमा। 
बलुआ पत्थर से बनी मां अन्नपूर्णा की यह प्रतिमा 18वीं सदी की बताई जाती है। मां एक हाथ में खीर का कटोरा और दूसरे हाथ में चम्मच लिए हुए हैं। प्राचीन प्रतिमा कनाडा कैसे पहुंची, यह राज आज भी बरकरार है। लोगों का कहना है कि दुर्लभ और ऐतिहासिक सामग्रियों की तस्करी करने वालों ने प्रतिमा को कनाडा ले जाकर बेच दिया था। काशी के बुजुर्ग विद्वानों को भी मां अन्नपूर्णा की प्रतिमा के गायब होने की जानकारी नहीं है।


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