वाराणसी। बीएचयू में साइबर लाइब्रेरी की शुरुआत कुलपति डॉ लालजी सिंह के कार्यकाल में हुई थी। छात्र-छात्राओं को शिक्षा का बेहतर वातावरण देने के उद्देश्य से इस लाइब्रेरी को शुरू किया गया ताकि कैंपस हॉस्टल और बाहर रहने वाले छात्र 24 घंटे वातानुकूलित और इंटरनेट युक्त माहौल में पढ़ पाएं। उनके कार्यकाल में यह लाइब्रेरी सुबह 8 बजे खुलती थी और फिर सुबह 5 बजे (3 घंटे साफ सफाई के लिए) बंद की जाती थी।
अगले कुलपति प्रोफेसर जी.सी त्रिपाठी ने इस लाइब्रेरी के समय को घटाकर सिर्फ 12 घंटे कर दिया। छात्रों ने उनसे जब समय बढ़ाने की मांग की तो वो उलजुलूल तर्क देते थे : जैसे लड़कियों को रात में बाहर निकलने की अनुमति नही हैं, रात में अच्छे छात्र पढ़ाई नही करते। 2016 में 24 घंटे लाइब्रेरी की मांग का बड़ा और शांतिपूर्ण आंदोलन हुआ जिसमें बीएचयू वीसी ने 9 छात्रों को निलंबित कर दिया और जेल भिजवा दिया, बाद में 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने छात्रों का निलंबन हटाया और विश्वविद्यालय को फटकारा। 2017 में ही जीसी त्रिपाठी को उनके महिला विरोधी रवैया के बाद छात्राओं ने आंदोलन किया और विश्वविद्यालय से भागने पर मजबूर कर दिया।
अगले वीसी के समय भी छात्रों ने समय समय पर 24 घंटे लाइब्रेरी की मांग की परंतु प्रशासन ने यह निर्णय नही लिया। अब विश्वविद्यालय के नए वीसी प्रोफेसर सुधीर कुमार जैन ने छात्रों की मांग को मान लिया है और साइबर लाइब्रेरी को पुनः सुबह 8 बजे से सुबह 5 बजे तक खोलने का निर्णय लिया है।
बीएचयू के सभी छात्र ऐसे छात्र हितैषी निर्णय का स्वागत करते हैं।