वाराणसी। गरीब मरीजों का विश्वास आज भी काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) पर है। अब उन मरीजों को अस्पताल में जांच की दरों (फीस) में वृद्धि से ज्यादा पैसे खर्च करने पड़ेंगे। जांच फीस की बढ़ोत्तरी की खबर मीडिया में आने के बाद आगबबूला हुए छात्रों ने आज IMS-BHU के निदेशक प्रो. बीआर मित्तल और मेडिकल सुप्रीटेंडेंट प्रो. केके गुप्ता के ऑफिस का घेराव कर तत्काल अतिरिक्त शुल्क हटाने की बात उठाई।
छात्रों की ओर से मेडिकल सुप्रीटेंडेंट और IMS के निदेशक को एक ज्ञापन देकर जल्द से जल्द बढ़ी फीस को वापस लेने की बात कही गई। छात्रों ने कहा कि मरीजों पर अनावश्यक बोझ नहीं बढ़ने दिया जाएगा। शोध छात्र मृत्युंजय तिवारी ने बताया कि कुछ दिन पहले ही अस्पताल प्रशासन ने अल्ट्रासाउंड, MRI, कलर डॉप्लर बैरियम स्टडी, सोनोग्राफी आदि जांच के दाम दो से तीन गुना तब बढ़ा दिया गया है। इससे ठेकेदारों को फायदा हो जाता है। इससे पहले भी ओपीडी पर्ची के रेट में 50% की वृद्धि कर दी गई थी। छात्रों ने कहा कि यदि जल्द बढ़े शुल्क वापस नहीं लिए गए तो बड़ा आंदोलन होगा।
इससे पहले BHU अस्पताल में MRI जांच का रेट 2200 था, जिसे अब 3000 रुपए कर दिया गया है। ऐसे ही सोनोग्राफी को 600 से 800 रुपए, बैरियम स्टडी 300 से 600 रुपए, कलर डॉप्लर 400 से बढ़का 500, सोनोग्राम 200 से 600 रुपए, IVP जांच 300 से 600 रुपए, वहीं डबल एक्सपोजर रेडियोग्राफी 150 से 300 रुपए तक कर दिया गया है।