वराणसी। परिवार का साथ, जीने की आश और एक अच्छे डॉक्टर का इलाज जिन्दगी की उम्र बढ़ा देती है। हालात चाहे जैसे भी हो अगर है परिवार का साथ और जिन्दगी में जीने का जज्बा है तो यमराज को भी मुंह फेरना पड़ता है। जिन्दगी के जंग से झूझते हारते ना जाने कितने लोगों की जाने डॉक्टर बचाता है ऐसे में यह कहना कहीं से भी गलत नहीं होगा कि मिल जाए अगर एक अच्छे डॉक्टर का इलाज तो बढ़ जाती है जिन्दगी की उम्र।
ऐसा ही कुछ हुआ वाराणसी के कालीमहल निवासी व्यापारी बृजेंद्र सिंह राठौर के साथ जो पिछले कई वर्षों से लीवर की बीमारी से जुझ रहे थे। विजय सिंह राठौर अपने बड़े भाई को बेहतर इलाज के लिए देश के कई नामी-गिरामी हॉस्पिटल में दिखाया लेकिन कही संतुष्टि नहीं मिली । परेशान होकर विजय सिंह राठौर अपने बड़े भाई बृजेन्द्र सिंह राठौर को लेकर मेट्रो हार्ट इंस्टिट्यूट विथ मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल पहुंचे और डॉ. अंकुर गर्ग से संपर्क किया। पत्नी अनिता राठौर ने पति की जान बचाने के लिए लीवर दिया। बृजेन्द्र सिंह राठौर के परिजनों विजय, हिमांशु, राजेन्द्र और जंगबहादुर सिंह ने उनकी इस लड़ाई में बड़ी मेहनत की।
पत्नी ने दान कर अपना लीवर बचाई पति की जान
भाग्यशाली है वो पति जिन्हें अनीता राठौर जैसी पत्नी मिली। अपने पति की हिम्मत के साथ-साथ अपनी हिम्मत को भी संजो कर रखा और पति की रक्षा के लिए अपने लीवर का दान दे दिया। डॉक्टरों ने भी बताया कि पत्नी ने इलाज के दौरान लीवर दान करने की इच्छा जताई और सभी जॉचों के बाद उनका लीवर दान करने के लिए उचित पाया गया और सफलतापूर्वक मरीज का लीवर ट्रांसप्लान्ट किया गया।