वाराणसी। सर्वशिक्षा की राजधानी कही जाने वाली बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के एक महिला प्रोफेसर को अपने छात्रों की ऑनलाइन क्लास लेते समय गलत नक्शे का प्रयोग कर पढ़ाना भारी पड़ गया। मामला इतना बढ़ गया कि छात्रों ने प्रोफेसर के खिलाफ धरना प्रदर्शन करते हुए सिंहद्वार को बंद करवा दिया और महिला प्रोफेसर के इस्तीफे की मांग करने लगे।
नक्शे से गायब किया पाक अधिकृत कश्मीर का हिस्सा:-
धरनारत छात्रों में से एक विवेक कुमार जो कि भूगोल विभाग में शोध छात्र हैं उन्होंने पूरा मामला बताया कि प्रोफेसर डॉक्टर सीमा रानी गुरुवार को दृतीय वर्ष के छात्रों की भूगोल की ऑनलाइन कक्षा लेते हुए छात्रों को भारत के मानचित्र के माध्यम से पढ़ा रहीं थी। इस दौरान उन्होंने जिस मानचित्र का प्रयोग किया उसमें पाक अधिकृत कश्मीर को भारत के सीमा से बाहर दिखाया गया तो वहीं अरूणाचल प्रदेश के हिस्से को भी विवादित रूप से गलत दिखाया। छात्रों का कहना है कि यह कोई भूल नही बल्कि एक सोची समझी साजिश है क्योंकि जिस प्रोफेसर की नियुक्ति ही मानचित्र विशेषज्ञ के रूप में हुई हो आखिर वो कैसे भूलवश ऐसा कर सकतीं हैं।
छात्र कर रहे इस्तीफे की मांग:-
छात्रों ने प्रोफेसर के इस हरकत को प्रोपोगेंडा करार दिया और राष्ट्रहित में इस घटना को अक्षम्य अपराध बताते हुए उनपर कड़ी कार्यवाही करने की मांग विश्वविद्यालय प्रशासन से करने लगें। एबीवीपी के आक्रोशित छात्रों ने इस घटना का पुरजोर विरोध करते हुए विश्विद्यालय के सिंह द्वार का घेराव कर चक्काजाम कर दिया। विश्वविद्यालय प्रसाशन धरने पे बैठे छात्रों को समझाने बुझाने में जुटी हुई है पर छात्र अपने मांगो को लेकर अडिग हैं और धरने पर बैठे हुएं हैं। छात्रों की मांग है कि जब तक डॉ सीमा रानी लिखित तौर ओर माफीनामा नहीं दे देंती और जब तक विश्वविद्यालय प्रशासन उनपर कोई कार्यवाही नहीं करता, छात्रों का धरना ऐसे ही चलता रहेगा।मामले की गंभीरता को देखते हुए लंका थानाध्यक्ष भी मौके पर धरनारत छात्रों से मिलने पहुँचे जहां छात्रों ने उन्हें पूरे मामले की जानकारी दी और ज्ञापन सौंप दिया।
देर रात प्रोफेसर ने दी सफाई और खत्म हुआ धरना:-
चीफ प्रॉक्टर प्रोफेसर बीसी कापरी ने बताया कि भूगोल विभागाध्यक्ष ने प्रोफेसर के नाम नोटिस जारी किया तथा नियमानुसार जांच का आश्वासन दिया। जिसके बाद देर रात असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ सीमा रानी पीआरओ के माध्यम से अपनी सफाई पेश की और बताया कि, "कृषि मंत्रालय की ओर से तैयार किए गए जिलेवार गेहूं वितरण का आंकड़ा उस नक्शे के माध्यम से दर्शाया जा रहा था, किसी को आहत करने का कोई उद्देश्य नहीं था इसके बाद भी इसके बाद भी अगर किसी को ठेस पहुंची है तो मैं विश्वास दिलाती हूं कि ऐसा दोबारा नहीं होगा।" प्रोफेसर के माफीनामा और भूगोल विभागाध्यक्ष के आश्वासन के बाद छात्रों ने अपना धरना देर रात समाप्त कर दिया।