वाराणसी। वाराणसी में हर त्यौहार के भाती रक्षाबंधन को भी एक अलग ही रूप रंग से मनाया जाता है। जिसमें बहने सर्वप्रथम अपने भगवान को राखी चड़ातीं हैं। तत्पश्चात अपने भाइयों को राखी बांधते हैं इसी क्रम में इस साल भी भाई बहन के प्रेम और विश्वास के पर्व पर सबसे पहले सुबह 6 बजे काशीपुराधिपति बाबा श्री काशी विश्वनाथ जी को मंदिर के अर्चकों ने राखी बांधी। इसके बाद काशी में बहनों ने अपने भाइयों के कलाई पर राखी बांधना शुरू किया।
श्रावण पूर्णिमा पर बाबा दरबार में मंगला आरती के दौरान करीब 200 लोग जुटे थे। रविवार को छुट्टी का दिन होने के कारण बाबा दरबार में मंगला आरती के दौरान आम दिनों के मुकाबले बड़ी संख्या में श्रद्धालु उमड़े थे। मंगला आरती के बाद बाबा की झांकी दर्शन द्वार आम भक्तों के दर्शन के लिए खोल दी गई।
श्रावण पूर्णिमा के मौके पर बाबा का झूलन उत्सव श्रृंगार किया गया। मंदिर परिसर को कामिनी की पत्तियों और फूलों से सजाया गया। श्रद्धालुओं के लिए कराई गई, बैरिकेडिंग में रेड कारपेट बिछाया गया, मंदिर में प्रवेश और निकास के लिए मंदिर प्रशासन की ओर से अलग-अलग मार्ग तैयार किए गए थे।
तीनों मार्ग में श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेशानी ना हो इसलिए मंदिर प्रशासन द्वारा सभी प्रवेश द्वार पर सैनिटाइजर और थर्मल स्कैनिंग करने की व्यवस्था की गई थी। कोरोनावायरस संक्रमण से बचाव के लिए सभी श्रद्धालुओं को मास्क पहनना तथा सोशल डिस्टेंस का पालन करना अनिवार्य था।