वाराणसी। पर्वतीय और मैदानी क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश के कारण पिछले कुछ दिनों से गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी हुई है। वाराणसी के घाटों पर गंगा नदी के बढ़ते जलस्तर का प्रभाव स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। एक ओर घाटों का आपस में संपर्क टूट रहे हैं तो वही दूसरी तरफ हरिश्चंद्र घाट पर शवदाह के निर्धारित स्थान के जलमग्न हो जाने के कारण, घाट की सीढ़ियों पर ही दाह संस्कार किए जा रहे हैं।
केंद्रीय जल आयोग के मुताबिक, गंगा जलस्तर का चेतावनी बिंदु 70.26 मीटर है। शुक्रवार की रात 08 बजे तक गंगा का जलस्तर 63.08 मीटर था जो लगातार 3 सेमी प्रति घण्टे की रफ्तार से बढ़ती जा रही है।
गंगा का जलस्तर बढ़ने की वजह से अस्सी से राजघाट के किनारे स्थित छोटे मंदिर और मढ़ियां पानी में समा गए हैं। मोक्षदायिनी काशी के दो महत्वपूर्ण शमशानघाट, मणिकर्णिका और हरिश्चंद्र घाट भी बढ़ते जल स्तर के प्रभावित हो रहें है, शुक्रवार के दिन सुबह से शाम तक में हुए 2 मीटर से ज़्यादा के जल बढ़ाव के बाद दाह संस्कार का स्थल पूरी तरह से जलमग्न हो गया है और शवों के दाह संस्कार घाट की सीढ़ियों पर किये जा रहें हैं। वहीं, पलट प्रवाह से वरुणा तटवासियों में खलबली मचनी शुरू हो गई है। कोनिया, नक्खी घाट, ऊंचवा, सिंधवा घाट सहित आसपास के अन्य इलाकों के भवन बाढ़ के पानी से घिर सकते हैं।