ताजा खबर
आज का इतिहास: 16 अप्रैल को हुआ था चार्ली चैपलिन का जन्म, जानें अन्य बातें   ||    एक मंदिर जो दिन में दो बार हो जाता है गायब, मान्यता- दर्शन मात्र से मिलता मोक्ष   ||    फैक्ट चेक: कानपुर में हुई युवक की पिटाई का वीडियो 'ब्राह्मण पर पुलिसिया अत्याचार' के गलत दावे के साथ...   ||    वानखेड़े स्टेडियम में प्रदर्शन के बाद धोनी ने युवा प्रशंसक को मैच बॉल गिफ्ट की   ||    फैक्ट चेक: मंदिर से पानी पीने के लिए नहीं, फोन चोरी के शक में की गई थी इस दलित बच्ची की पिटाई   ||    Navratri 2024: नवरात्रि के 7वें दिन करें सात उपाय, नौकरी और कारोबार में मिलेगी सफलता   ||    यूपीएससी रियलिटी चेक: उत्पादकता, घंटे नहीं, सबसे ज्यादा मायने रखती है; आईएएस अधिकारी का कहना है   ||    Breaking News: Salman Khan के घर के बाहर हुई फायरिंग, बाइक सवार 2 हमलावरों ने चलाई गोली, जांच में जु...   ||    चुनाव प्रचार के दौरान राहुल ने लिया ब्रेक, अचानक मिठाई की दुकान पर पहुंचे, गुलाब जामुन का उठाया लुत्...   ||    13 अप्रैल: देश-दुनिया के इतिहास में आज के दिन की महत्त्वपूर्ण घटनाएँ   ||   

आज साठे के साथ खत्म हो जाएगा मायूसी का माहौल, कल मनाया जाएगा नौरोज

Photo Source :

Posted On:Wednesday, October 5, 2022

 वाराणसी | अजा-ए-हुसैन के आखिरी दिन की याद मनाने को आज बुद्धवार को वाराणसी की सड़कों पर अकीदतमंदों का हुजूम उमड़ा। आठ रबी-उल-अव्वल के तारीखी जुलूस में ग्यारहवें इमाम हसन असकरी का ताबूत उठा। जुलूस जब नई सड़क चौराहे पर पहुंचा तो अकीदतमंदों ने जंजीर, कमा और खंजर का मातम कर शहीदाने करबला को लहू का नजराना पेश किया।
आई जेहरा की सदा, ए हुसैन अलविदा’ के नारों के साथ नौहा व मातम करता ये जुलूस शब्बीर और सफदर के इमामबाड़े दालमंडी से उठाया गया।
जुलूस अपनी पूरी शान के साथ जब काली महल पहुंचा तो यहां सैकड़ों की तादाद में मौजूद मर्द, ख्वातीन, बुजुर्ग, नौजवान, बच्चे और बच्चियों ने आमारी का इस्तकबाल किया। यहां मौलाना ने तकरीर में सभी को हुसैनियत के रास्ते पर चलने की नेक सलाह दिया।
अंजुमन हैदरी के नौजवान नौहा व मातम करते चल रहे थे। शराफत अली, वफा बुतराबी, लियाकत अली, शराफत नकवी, अंसार बनारसी, साहब जैदी, मजाहिर अली ने नौहे पेश किए। जुलूस के पितरकुंडा पहुंचने पर मौलाना ने मजलिस पढ़ी। जिसके बाद कलाम पेश किए गए। नई पोखरी पहुंचने पर अंजुमन जव्वादिया ने जुलूस का इस्तकबाल किया और वही पर आलिम ने तकरीर की। फातमान पहुंचने पर हजारों की तादाद में पर्दानशीं ख्वातीन ने आमारी का इस्तकबाल किया। अजादारों ने अलम, दुलदुल, ताबूत को अकीदत के साथ बोसा दिया।
दो महीने दस दिन के गम के दिन पूरे होने पर कल जुमेरात 9 रबी-उल-अव्वल को शिया हजरात खुशी मनाएंगे। गमों का लिबास उतारकर खुशियों के नए लिबास ओढ़ेंगे। घरों में पकवान बनेंगे। शहर के तमाम इमामबाड़ों में महफिलें होंगी। इस दिन को नौरोज़ के नाम से पुकारा जाता है।


बनारस और देश, दुनियाँ की ताजा ख़बरे हमारे Facebook पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें,
और Telegram चैनल पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें



You may also like !

मेरा गाँव मेरा देश

अगर आप एक जागृत नागरिक है और अपने आसपास की घटनाओं या अपने क्षेत्र की समस्याओं को हमारे साथ साझा कर अपने गाँव, शहर और देश को और बेहतर बनाना चाहते हैं तो जुड़िए हमसे अपनी रिपोर्ट के जरिए. banarasvocalsteam@gmail.com

Follow us on

Copyright © 2021  |  All Rights Reserved.

Powered By Newsify Network Pvt. Ltd.