वाराणसी। जोरदार बारिश के बाद कुछ देर के जलभराव तो एक हद तक बर्दाश्त हो जाते है पर जब बारिश की एक बूंद भी न बरसी हो और सड़क लबालब पानी से भरा हो और आम रास्ता जलमार्ग बन जाये तो ये बात थोड़ी अटपटी लगती है।
बात गंगा के राष्ट्रीय जलमार्ग की नहीं बल्कि गंगा से सटे अस्सी क्षेत्र की है, जहां अस्सी से दुर्गाकुंड आने वाले मार्ग पर सोमवार को सीवर के ओवरफ्लो करने से हुए जलभराव के कारण एक बड़ा हादसा होते होते बच गया। दर्शनथियों को लेके जा रही एक टोटो जब सीवर के पानी से भरे सड़क को पार करने का प्रयास करने लगी तो सड़क के गढ्ढे में पहिया फसने से पलट गई। गनीमत यह रही कि कोई भी यात्री गम्भीर रूप से घायल नहीं हुए पर टोटो पलटने और सीवर के पानी में गिरने से मामूली चोटें जरूर आइ।
इससे पहले की कोई उनसे उनका हाल पूछता, आनन फानन में टोटो से उतर कर शर्मशार दर्शनार्थी बिना किसी से कोई बात किये वहाँ से निकल गए। यात्री तो निकल गए पर मुद्दा अब भी वहीं पड़ा हुआ है कि हजारों करोड़ की परियोजनाओं के बाद भी बनारस को सीवर ओवरफ्लो जैसी समस्या से अब तक समाधान क्यों नहीं मिल रहा है।
कई बार कर चुकें हैं शिकायत पर होती नहीं सुनवाई:-
ई-रिक्शा पलटने पर घटनास्थल पर पहुंचे सामाजिक कार्यकर्ता रामयश मिश्र ने कहा कि क्षेत्रीय पार्षद, नगर निगम और विधायक सौरभ श्रीवास्तव से उन्होंने कई बार शिकायत की। अस्सी से दुर्गाकुड जाने वाले मार्ग पर एक अरसे से सुबह और शाम के समय सीवर ओवरफ्लो होता है। इससे स्थानीय लोगों को खासी परेशानी होती है लेकिन कहीं सुनवाई नहीं हो रही है।
रामयश मिश्र ने कहा कि यह बेहद ही दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में ऐसी स्थिति है। सावन के पहले सोमवार को बाबा विश्वनाथ के दर्शन-पूजन के लिए बाहर से आई हुई महिलाएं और बच्चे आखिरकार काशी की क्या छवि लेकर गए होंगे, यह एक विचारणीय सवाल है। उधर,इस संबंध में नगर निगम के भेलूपुर जोन के जोनल अफसर ने हर बार की तरह इस बार भी आश्वासन दिया कि समस्या का स्थायी समाधान जलकल विभाग की टीम भेज कर जल्द ही करा दिया जाएगा।