वाराणसी, 8 जुलाई 2021 | विधानसभा की चुनावी बिसात से पहले केंद्रीय मंत्रीमंडल विस्तार ने पूर्वांचल को भी साधने की पूरी कोशिश की है। भाजपा ने पूर्वांचल में अपने प्रमुख सहयोगी अपना दल (एस) की राष्ट्रीय अध्यक्ष और मिर्जापुर की सांसद अनुप्रिया पटेल को मंत्रीमंडल में शामिल कर पिछड़ा वोट को साधने की पूरी कवायद की है। हालांकि लोकसभा चुनाव के बाद से ही अपना दल और भाजपा में तनातनी चल रही थी।
मगर, अपना दल (एस) के पास कोई विकल्प नहीं होने के चलते वह केवल तनातनी तक ही सिमटी थी।वर्ष 2014 से ही भाजपा की प्रमुख सहयोगी अपना दल से अंदरूनी सियासी उठापटक जारी है। यही कारण है कि वर्ष 2014 में भाजपा की केंद्र में सरकार बनने के करीब दो साल बाद अनुप्रिया पटेल को मंत्री मंडल में शामिल किया गया।
इसके बाद विधानसभा चुनाव में रिश्ते ठीक कर उन्हें तवज्जों दी गई, मगर वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले मिर्जापुर सांसद अनुप्रिया पटेल के पति आशीष पटेल को विधान परिषद तो भेजा गया, लेकिन लाख कोशिश के बाद भी उन्हें प्रदेश मंत्री मंडल में जगह नहीं दी गई।
जबकि मिर्जापुर के विधायक रमाशंकर पटेल को बिजली राज्यमंत्री बनाकर भाजपा ने पटेल वोट बैंक के बीच अपने इरादे जाहिर कर दिया। रमाशंकर पटेल न केवल अपना दल के वोट बैंक को अपने पाले में लाने में जुटे, बल्कि पटेल सहित पिछड़ा वर्ग में अपनी पैठ मजबूत की।
हालांकि अपना दल (एस) ने समय-समय पर भाजपा से अपनी नाराजगी जाहिर की और पीएम मोदी के वाराणसी दौरे तक दूरी बनाकर संदेश देने की कोशिश की थी। हालांकि विधानसभा चुनाव से पहले अनुप्रिया पटेल को मंत्री मंडल में शामिल कर लिया गया है। अब अपना दल हर हाल में एमएलसी आशीष पटेल को भी प्रदेश के मंत्रीमंडल में जगह बनाने की कोशिश करेगा।
अपना दल (एस) की राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल को दूसरी बार मोदी की टीम में जगह मिली है। भाजपा के समर्थन के साथ दूसरी बार लोकसभा का चुनाव जीतने वाली अनुप्रिया को यूपी विधानसभा चुनाव से ठीक पहले केंद्रीय मंत्री बनाकर भाजपा ने पिछड़ों के वोट बैंक पर निशाना साधा है।
जानकारों को कहना है कि पूर्वांचल में पार्टी की मजबूत पकड़, विधानसभा चुनाव और व्यक्तिगत छवि के कारण ही सांसद को कैबिनेट में शामिल किया गया है। सांसद अनुप्रिया पटेल मोदी की पिछली सरकार में सबसे युवा मंत्रियों में शामिल रहीं।
अपना दल की राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल का जन्म 28 अप्रैल 1981 को कानपुर में हुआ था। पिता व अपना दल के संस्थापक डॉ. सोनेलाल पटेल से उन्हें राजनीति की समझ विरासत के रूप में मिली। सोनेलाल पटेल की 2009 में मौत के बाद अनुप्रिया को पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव की जिम्मेदारी मिली। वर्ष 2012 में वाराणसी के रोहनिया विधानसभा से चुनाव लड़ा और विधानसभा सदस्य चुनी गईं। बीएसपी उम्मीदवार को 17583 वोटों से हराया था। 2014 लोकसभा चुनाव में मिर्जापुर संसदीय क्षेत्र से 436536 वोट पाकर जीत का परचम लहराया।
पांच जुलाई 2016 में एनडीए सरकार की सबसे युवा मंत्री के तौर पर केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री पद की शपथ ली। 2019 लोकसभा चुनाव में सपा व बसपा गठबंधन के प्रत्याशी को हराकर मिर्जापुर से पुन: सांसद चुनी गईं। सांसद अनुप्रिया पटेल की शुरुआती शिक्षा कानपुर फिर उच्च शिक्षा दिल्ली के लेडी श्रीराम महिला कॉलेज से हुई। अनुप्रिया ने मनोविज्ञान और एमबीए किया है।