वाराणसी, 29 अप्रैल। वाराणसी में कोरोना के लगातार बढ़ते दायरे को देख जिला प्रशासन ने संक्रमित मरीजों तक प्राथमिक उपचार पहुंचाने के लिए 'काशी-कवच' व्यवस्था गुरुवार से शुरु किया है।
इस व्यवस्था में डाक्टरों से सलाह लेकर विशेष रूप से इडियन मेडिकल एसोसिएशन (आई0एम0ए0) के सहयोग से घरेलू उपचार एवं टेलीमेडिसीन की एक व्यवस्था खड़ी की गयी है। इसमें शहर एवं आसपास के क्षेत्र में काम करने वाले डाक्टर जो आईएमए के सदस्य है वे टेलीमेडिसीन से लोगों का उपचार करेंगे।
आई0एम0ए0 के पदाधिकारियों ने इसकी एक सूची बनायी है। यह सूची समय-समय पर अपडेट की जायेगी एवं जनता को टेलीमेडिसीन के लिए सम्पर्क के लिए उपलब्ध करायी जायेगी। डाक्टर एवं मरीजों के बीच का वार्तालाप उनका व्यक्तिगत मामला होगा। फीस एवं दवाओं का निर्धारण भी दोनों के बीच तय होगा।
कोरोना के प्राथमिक लक्षण दिखते ही सावधानी के साथ घरेलू उपचार या कुछ मूलभूत दवाएं ले ली जाय तो बीमारी को आगे बढ़ने से रोका जा सकता है। हास्पिटल में भर्ती होने से भी बचा जा सकता है।
काशी कोविड रिस्पान्स सेन्टर की सलाह है कि लोग प्राथमिक लक्षण पर ध्यान दें एवं घरेलू उपचार तुरन्त शुरू कर दें। इस सूची में से अपने नजदीक के डाक्टर से टेलीफोन करके आगे की सलाह लेकर अपना इलाज शुरू कर सकते हैं।
आई0एम0ए0 के पदाधिकारियों ने बताया कि अस्पताल में भर्ती हुए कोरोना के मरीज स्वस्थ हो जाने के बावजूद अस्पताल में कुछ दिन और बने रहना चाहते हैं। इसका कारण है कि उन्हें अस्पताल से घर पहुंचने के बाद उनकी उचित देख-रेख न हो पाने की शंका रहती है। घर वापस आने वाले मरीजों को आवश्यकतानुसार डाक्टर से कैसे सलाह ली जायेगी, यह चिन्ता रहती है। ऐसे कोरोना के मरीजों की चिन्ता का निवारण भी टेलीमेडिसीन की इस व्यवस्था से व्यापक पैमाने पर हो सकेगा और अस्पतालों में बेड खाली होने की गति अच्छी होगी।
बताया कि 'काशी-कवच' नाम की इस व्यवस्था से कोरोना के प्राथमिक लक्षण पर ही मरीजों को प्राथमिक उपचार देकर उसे बचाया जा सकेगा। अफसरोंं के अनुसार हास्पिटलाइजेशन का दर कम करने एवं अस्पताल से घर गये मरीजों का ध्यान रखने में यह कारगर साबित होगा।
इस व्यवस्था के साथ टेलीमेडिसीन वाले डाक्टर जो दवायें लिखेंगे, वह किसी सक्षम ई-मार्केटिंग सेवा के माध्यम से मरीजों तक पहुंच जाय, इस दृष्टि से ई-मार्केटिंग करने वाली कुछ कम्पनियों की सेवाएं भी ली जा रही है। जो डाक्टर के सलाह के आधार पर दवा मरीज के घर तक पहुंचायेंगे।
'काशी कवच' के जरिये यह भी व्यवस्था भी की जा रही है कि टेलीमेडिसीन वाले डाक्टर मरीज का किसी प्रकार की शारीरिक जांच कराना चाहते हों तो जांच के आवश्यक सैम्पल को एकत्रित करके पैथोलोजी सेन्टर तक पहुंचाने और जांच की रिपोर्ट डाक्टर और मरीज तक समय से उपलब्ध हो सके।
उधर, काशी कोविड रिस्पोंन्स सेन्टर द्वारा कोविड नियंत्रण की कार्यवाही की जानकारी एमएलसी ए. के. शर्मा, कमिश्नर दीपक अग्रवाल, पुलिस कमिश्नर ए सतीश गणेश, जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने ली। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की टीम ने वर्तमान परिस्थिति में कोविड से संक्रमित होने वाले मरीजों में प्राथमिक लक्षण दिखने से लेकर उनके प्राथमिक उपचार, हास्पिटलाइजेशन एवं उसके पश्चात ठीक होकर घर जाने एवं लम्बे समय तक स्वस्थ रहने की पूरी प्रक्रिया की समीक्षा भी की।