वाराणसी। पौरणिक मान्यताओं के अनुसार मोक्ष नगरी काशी में प्राण त्यागने वाला व्यक्ति मोक्ष को प्राप्त कर लेता है, पर यदि उसकी मृत्यु काशी से परे किसी स्थान पर हो तो उसकी अस्थियों को काशी के मोक्षदायिनी गंगा में प्रवाहित करने पर भी मनुष्य मोक्ष को प्राप्त कर लेता है। इसी मान्यता के तर्ज पर योग गुरु बाबा रामदेव गुरुवार को अपने करीबी के अस्थि विसर्जन पूजा में शामिल होने पहुंचे। गंगा तट पर स्थित शिवाला घाट पर मृतक के परिवार द्वारा अस्थि विसर्जन पूजा में बाबा रामदेव ने भी अपनी मौजूदगी दर्ज कराई।
राजनीति से परे आस्था का रहा दौरा:-
बाबा रामदेव ने इस दौरान बताया कि तामिलनाडू के श्रीसुभ्रमन्यम जो अनुराधा जी के पिता और श्रीकृष्णमूर्ति के श्वसुर हैं, उनका निधन हो गया है। उनकी मोक्ष की कामना के लिए आज हम उनके परिवार के संग काशी आये हैं, क्योंकि उनके साथ हमारा घरेलू संबंध है।
कहा कि अंतिम यात्रा में अपने करीबी के साथ होना ये मैं अपना उत्तरदायित्व समझता हूं, इसलिए उन्हें श्रद्धांजलि देने यहां आया हूं। वहीं राजनीतिक बातों पर बाबा रामदेव ने बोलने से इंकार कर दिया