वाराणसी। उत्तरप्रदेश के कई जिले बाढ़ की समस्या से जूझ रहें हैं। वाराणसी में भी गंगा का जलस्तर उफान पर है जिसके कारण नदी किनारे रहने वाले लोगो को अपना घर छोड़ कर सुरक्षित स्थान पर जाना पड़ रहा है, बाढ़ग्रस्त इलाके का जायजा लेने के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अपने एक दिवसीय दौरे पर गुरुवार को वाराणसी पहुंचे।मुख्यमंत्री ने राजघाट से NDRF के बोट से पुराने पूल तक का निरीक्षण किया।
उन्होंने मुस्लिम बाहुल्य इलाके सरैया के आलिया गार्डन में बनाये गए बाढ़ राहत शिविर का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने वहा मौजूद बच्चो से देर तक बातचीत की और भरोसा दिलाया कि चिंता की कोई बात नहीं है, आपदा के इस घड़ी में सरकार उनके साथ खड़ी है। हर संभव मदद की जाएगी, उन्होंने मोके पर अधिकारियों से राहत कार्यो के बारे में जानकारी लेते हुए निर्देशित किया कि बाढ़ पीड़ितों की मदद में कोई कसर न छोड़ी जाये।
तत्पश्चात मुख्यमंत्री ने जेपी मेहता इंटर कॉलेज राहत केंद्र पर पहुंचे और वहाँ पर रह रहे 60 से अधिक बाढ़ से प्रभावित परिवार के लोगो से मुलाकात कर उनका हाल-चाल लिया और उनको मिल रहे राहत सुविधाओं की जानकारी ली। इस दौरान उन्होंने लगभग 37 लोगो को राहत सामग्री प्रदान की। और जेपी मेहता इण्टर कॉलेज परिसर में बाढ़ प्रभावित इलाको के मवेशियों के लिए बनाये गए आश्रय स्थल का भी जायजा लिया।
मुख्यमंत्री ने 20 मिनी पोर्टेबल एवं तीन बड़े फोगिंग मशीन कर्मियों के ग्रुप को हरी झंडी दिखाई। इसी श्रेणी में पर्यटन मंत्री डॉo नीलकंठ तिवारी, स्टाफ मंत्री रविंद्र जयसवाल, कमिश्नर दीपक अग्रवाल, जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा, पुलिस कमिश्नर ए सतीश गणेश, NDRF कमांडेंट मनोज कुमार शर्मा सहित अन्य अधिकारी प्रमुख रूप से उपस्थित रहें।