टीम इंडिया के बेहतरीन ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा आज अपना 35वां जन्मदिन मना रहे हैं. हालांकि आज वो टीम इंडिया के स्थाई सदस्य बन गए हैं, लेकिन उनके लिए यहां तक पहुंचना आसान नहीं रहा है. उन्होंने अपने करियर की शुरुआत से ही अपने खेल से सभी को प्रभावित करना शुरू कर दिया था। इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) टूर्नामेंट का पहला खिताब 2008 में राजस्थान रॉयल्स (आरआर) ने जीता था। टूर्नामेंट के पहले सीजन में शेन वॉर्न की कप्तानी वाली चैंपियन टीम में एक युवा खिलाड़ी था, जिसने सबका ध्यान खींचा था। वो थे 'सर' रवींद्र जडेजा। राजस्थान ने अंडर-19 टीम से जडेजा को चुना था। जडेजा 2008 विश्व कप विजेता अंडर-19 टीम इंडिया के सदस्य थे।
ऑलराउंडर जडेजा ने आईपीएल के पहले दो सीजन में 430 रन बनाए थे। इस दौरान उन्होंने पहले सीजन में 131.06 के स्ट्राइक रेट से 135 रन बनाए थे। जिसकी मदद से अंडरडॉग माने जाने वाले RR ने पहले ही सीजन में खिताब अपने नाम कर लिया था. जडेजा को अगले साल अपना सर्वश्रेष्ठ इनाम मिला जब उन्होंने भारतीय क्रिकेट टीम के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया। उन्होंने अपना वनडे डेब्यू 8 फरवरी 2009 को श्रीलंका के खिलाफ किया था। इसके बाद साल 2010 जडेजा की जिंदगी में कुछ अच्छा नहीं रहा। इस दौरान आचार संहिता के उल्लंघन का दोषी पाए जाने पर उन पर एक साल का प्रतिबंध लगा दिया गया था
दरअसल, जडेजा के खिलाफ 2009 के आईपीएल सीजन के बाद शिकायत दर्ज की गई थी। उन पर आरआर टीम के साथ अनुबंध पर रहते हुए अन्य फ्रेंचाइजी के साथ बेहतर पैसे से निपटने की कोशिश करने का आरोप लगाया गया था। जबकि राजस्थान की टीम ने जडेजा के साथ 2008 में तीन सीजन के लिए करार किया था। हालांकि, जडेजा 2009 तक ही टीम के साथ रहना चाहते थे। ऐसे में जडेजा को दोषी पाया गया और एक साल के लिए बैन कर दिया गया।
आईपीएल गवर्निंग काउंसिल के एक बयान के मुताबिक, जडेजा ने तब मुंबई इंडियंस (एमआई) के साथ डील करने की कोशिश की थी। तब उन्होंने मुंबई टीम के प्रतिनिधि को दस्तावेज भेजने की पेशकश भी की थी। जडेजा ने आईपीएल में अब तक 200 मैच खेले हैं, जिसमें उन्होंने 27.11 की औसत से 2,386 रन बनाए हैं। इस दौरान जडेजा ने दो अर्धशतक भी लगाए हैं। उन्होंने अपने आईपीएल करियर में 127 विकेट भी लिए हैं।