चीन और भारत के बीच के रिश्ते किस तरह के हैं, यह दुनिया से छुपा नहीं है. ऐसे में अब आ रही नई खबर के मुताबिक, चीन ने भारत द्वारा आयोजित एक सुरक्षा वार्ता को 'शेड्यूलिंग कारणों' की वजह से छोड़ने के बाद, अपने सदाबहार दोस्त पाकिस्तान द्वारा बुलाई गई अफगानिस्तान पर एक बैठक में भाग लेने की बात कही और उसने हिस्सा भी लिया है.बता दें कि अफगानिस्तान की स्थिति पर चर्चा के लिए पाकिस्तान गुरुवार को इस्लामाबाद में अमेरिका, चीन और रूस के वरिष्ठ राजनयिकों की मेजबानी की है. ऐसे में ट्रोइका प्लस की बैठक में चारों देशों के विशेष प्रतिनिधि भाग लिया.
यह पूछे जाने पर कि क्या चीन इस्लामाबाद में बैठक में भाग लेगा, चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने चीनी राजधानी में एक मीडिया से कहा कि "चीन चीन-यूएसरूस परामर्श तंत्र की इस विस्तारित बैठक की मेजबानी में पाकिस्तान का समर्थन करता है और शांति को बढ़ावा देने के लिए अनुकूल सभी अंतरराष्ट्रीय प्रयासों का समर्थन करता है. अफगानिस्तान में स्थिरता और सभी पक्षों के बीच आम सहमति बनाना है." उन्होंने आगे कहा है, "चीन के विदेश मंत्रालय के अफगान मामलों के विशेष दूत यू शियाओओंग बैठक में भाग लेने के लिए एक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे."
ऐसे में अब, अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी भी इस्लामाबाद में मौजूद थे, लेकिन वह गुरुवार को हुई बैठक में शामिल नहीं हुए, जिसे "ट्रोइका प्लस" करार दिया गया. मुत्ताकी गुरुवार के बाद अपने पाकिस्तानी कॉउंटरपार्ट से मुलाकात करेंगे. अफगानिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अब्दुल कहार बल्खी के अनुसार, अफगानिस्तान के विदेश मंत्री अफगानिस्तान पर विशेष दूतों के साथ भी बातचीत करेंगे.
पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने बैठक की शुरुआत में ही चेतावनी दी कि अफगानिस्तान "आर्थिक पतन के कगार पर है" और तालिबान के सत्ता में आने और मानवीय सहायता प्रदान करने के बाद से अंतरराष्ट्रीय समुदाय को पश्चिमी दाताओं द्वारा फ्रीज हुए पैसो को तत्काल फिर से शुरू करना चाहिए.