न्यूज हेल्पलाइन 8 फरवरी नागपुर, वर्तमान में, शासन का ऑनलाइन पर ज्यादा जोर है। शिक्षा और प्रशिक्षण के साथ-साथ परीक्षा ऑनलाइन कराई जा रही है। ऐसे में यह भी उतना ही जरूरी है कि सरकारी विभागों की वेबसाइटों को अपडेट किया जाए। लेकिन, ऐसा होता नहीं दिख रहा है। सामाजिक न्याय विभाग, जो पिछड़े वर्गों के लिए योजनाओं को लागू करता है, उनमें से एक है। विभाग की वेबसाइट अपडेट के मामले में पिछड़ रही है। ऐसे में ऑनलाइन के इस दौर में यह सवाल खड़ा हो गया है कि छात्रों का क्या होगा।
सामाजिक न्याय विभाग पिछड़े वर्ग के छात्रों और समुदाय के लिए कई योजनाएं लागू करता है। आम जनता तक पहुंचने के लिए इस योजना की विभाग की एक अलग वेबसाइट है,लेकिन वह कोई अपडेट नहीं। इसलिए इस वेबसाइट को उतना फायदा होता नहीं दिख रहा है, जितना होना चाहिए। वेबसाइट में अनुसूचित जाति के आवेदनों की जानकारी है। 2015 तक ही है। 2016 से वेबसाइट पर कोई नई जानकारी अपलोड नहीं की गई है। विभागीय सांख्यिकीय जानकारी 2016 से जारी नहीं की गई है।
विभाग के अंतर्गत सभी सरकारी निर्णय उपलब्ध नहीं होते हैं। विभिन्न प्रकार की योजनाओं की जानकारी में नई योजनाओं की जानकारी नहीं है। प्रारंभिक योजनाएं वही रहती हैं। नोटिस बोर्ड पूरी तरह से खाली है, जबकि विभाग के बारे में प्रकाशित खबर दो साल से अपलोड नहीं की गई है। बहुत ज्यादा यदि सामाजिक न्याय विभाग अपनी वेबसाइट पर अप-टू-डेट जानकारी उपलब्ध नहीं कराता है तो आम जनता को सामाजिक न्याय योजनाओं की जानकारी कैसे मिलेगी? आम जनता को जानकारी नहीं होगी तो उन तक योजना कैसे पहुंचेगी?
- डॉ सिद्धांत भरते हुए, डॉ बाबासाहेब
अम्बेडकर छात्र संघ
सामाजिक न्याय विभाग की वेबसाइट पर जानकारी नहीं बदली है। नहीं, विभाग के सचिव की जानकारी अपडेट नहीं की गई है। इससे यह सवाल उठता है कि सामाजिक न्याय विभाग के अधिकारी विभाग की वेबसाइट को अपडेट करने के लिए समय नहीं होने पर लाभार्थियों तक पहुंचने के लिए कितने उत्सुक हैं।