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S-400 से भी ज्यादा शक्तिशाली होगा भारत का स्वदेशी एयर डिफेंस सिस्टम ‘कुशा’, दुश्मन का हर वार जाएगा खाली!

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Posted On:Tuesday, December 2, 2025

नई दिल्ली: हाल ही में अज़रबैजान-आर्मेनिया, रूस-यूक्रेन, और हमास-इज़रायल जैसे छह प्रमुख संघर्षों के अनुभव, और भारतीय सेना के अपने 'ऑपरेशन सिंदूर' से मिले सबक के बाद, रक्षा मंत्रालय अपनी तीनों सेनाओं को अत्याधुनिक सुरक्षा कवच से लैस करने की तैयारी में है। इसी क्रम में, भारतीय सेना को जल्द ही एक अभूतपूर्व रक्षा प्रणाली मिलने वाली है, जिसे 'प्रोजेक्ट कुशा' नाम दिया गया है। यह परियोजना भारत की रक्षा क्षमताओं में आत्मनिर्भरता और मजबूती लाने की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है।

रक्षा मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी, मेजर जनरल राजन कोचर (रिटायर्ड) ने न्यूज़ 24 को जानकारी देते हुए बताया कि 'कुशा' को सेना में कई आयामों पर काम करने के लिए शामिल किया जा रहा है। इसका प्राथमिक कार्य दुश्मन की क्रूज़ और बैलिस्टिक मिसाइलों को बहुत दूर से ही ट्रैक करके नष्ट करना होगा। साथ ही, यह दुश्मन के उन हमलों पर भी पैनी नज़र रखेगा जिनके लिए वह घात लगाकर बैठा होगा।

सेना को थी 'ढाल' की तलाश

मेजर जनरल कोचर ने बताया कि लंबे समय से भारतीय सेना को एक ऐसी अत्याधुनिक रक्षा प्रणाली की तलाश थी जो युद्ध की स्थिति में दुश्मन के सामने एक अभेद्य ढाल बनकर तैयार खड़ी रहे। 'प्रोजेक्ट कुशा' इसी आवश्यकता को पूरा करने के लिए बनाया जा रहा है। भारतीय वायुसेना इस परियोजना को लेकर सबसे ज्यादा उत्साहित है, क्योंकि यह उन्हें अपने हवाई क्षेत्र को अधिकतम सुरक्षित बनाने में मदद करेगा।

इसी तरह, भारतीय थल सेना भी अपनी अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं को दुश्मन की मिसाइलों के खतरों से मजबूती देने के लिए 'कुशा' के जल्द शामिल होने का इंतजार कर रही है। यह परियोजना 'आत्मनिर्भर भारत' पहल के तहत रक्षा मंत्रालय के उस विज़न को साकार करती है, जिसके तहत देश हथियारों और मिसाइलों के लिए विदेशों पर निर्भरता कम करके स्वदेशी निर्माण पर ज़ोर दे रहा है। एक समय था जब भारत छोटी से छोटी रक्षा उपकरण के लिए भी विदेशी निर्भरता रखता था, लेकिन आज स्थिति बदल चुकी है।

दुश्मन के घर में घुसकर 400 किलोमीटर तक वार

'प्रोजेक्ट कुशा' की क्षमताओं के बारे में बताते हुए मेजर जनरल कोचर ने कहा कि यह प्रणाली सिर्फ रक्षात्मक ही नहीं, बल्कि आक्रामक क्षमता भी रखती है। यह भारतीय सेना को एक ऐसी मारक क्षमता प्रदान करेगी जो दुश्मन के ठिकानों पर 400 किलोमीटर के भीतर घुसकर वार करने में सक्षम होगी।

इसकी मुख्य रक्षात्मक क्षमता यह है कि अगर दुश्मन की कोई लंबी रेंज वाली मिसाइल भारतीय सीमा में घुसकर हमला करने वाली होगी, तो 'कुशा' अपने उन्नत रडार और इंटरसेप्टर मिसाइलों के बल पर तुरंत दुश्मन को मार गिराएगा। यह प्रणाली दुश्मन को भारतीय एयरस्पेस में प्रवेश करने से पहले ही नेस्तनाबूद कर देगी।

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) इस महत्वपूर्ण परियोजना को जल्द से जल्द पूरा करने में तेजी से जुटा हुआ है। 'प्रोजेक्ट कुशा' न केवल भारत की सैन्य शक्ति को कई गुना बढ़ाएगा, बल्कि यह क्षेत्रीय सुरक्षा गतिशीलता में भी एक बड़ा बदलाव लाने की क्षमता रखता है। यह भारत को उन चुनिंदा देशों की श्रेणी में खड़ा कर देगा जिनके पास ऐसी उन्नत, मल्टी-लेयर मिसाइल रक्षा प्रणाली मौजूद है।


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