मुंबई, 30 अप्रैल, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। अफगानिस्तान में पिछले साल तालिबान ने कब्जा कर लिया था। इसके बाद अब अफगान सेना के एक पूर्व जनरल ने तालिबान को ललकारा है। उनका कहना है कि अफगानिस्तान में स्थिरता लाने के लिए तालिबान से जंग एकमात्र रास्ता है। अफगानिस्तान के पूर्व आर्मी चीफ लेफ्टिनेंट जनरल सामी सादत पूर्व सैनिकों और राजनेताओं के साथ मिलकर तालिबान के खिलाफ जंग शुरू करने की तैयारी कर रहे हैं। ये जंग ईद के बाद शुरू हो सकती है। उन्होंने कहा कि तालिबान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई अफगानिस्तान में स्थिरता के लिए एकमात्र रास्ता है। हम अफगानिस्तान को तालिबान से मुक्त करने के लिए जो संभव हो सकेगा वो सब करेंगे, ताकि लोकतांत्रिक व्यवस्था फिर से स्थापित हो सके। जब तक हमें आजादी नहीं मिलती, हम लड़ते रहेंगे। पूर्व आर्मी चीफ लेफ्टिनेंट जनरल सामी सादत ने कहा कि आठ महीने के इस शासन में देश गरीबी के दलदल में फंसता जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमने अफगानिस्तान में तालिबान के आठ महीनों के शासन में जो कुछ भी देखा है, वह कुछ और नहीं बल्कि राजनीतिक उद्देश्यों के लिए धार्मिक प्रतिबंधों और पवित्र कुरान का गलत उदाहरण, गलत व्याख्या और दुरुपयोग है।
तालिबान सरकार लोगों की हिफाजत करने में नाकाम नजर आ रही है। ISIS आए दिन अफगानिस्तान में हमला कर रहा है, लेकिन हालात तालिबान के काबू में आते नहीं दिख रहे हैं। अफगानिस्तान के काबुल में शुक्रवार को एक मस्जिद में हुए धमाके में 10 लोगों की मौत हो गई और 20 अन्य घायल हो गए। इसके पहले मजार-ए-शरीफ इलाके में हुए दो विस्फोटों में 9 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 13 घायल हो गए। एक हफ्ते पहले भी मजार-ए-शरीफ शहर की शिया मस्जिद फिदायीन हमला हुआ था। इसमें 20 लोगों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई थी, 66 लोग घायल हुए थे। अफगानिस्तान सरकार के गिरने के बाद से देश में मानवाधिकार की स्थिति बदतर हो गई है। लड़कियों के स्कूल जाने और महिलाओं के काम करने पर रोक लगा दी, हर दिन लोगों को मौत के घाट उतारा जाने लगा। खाने को अन्न नहीं है जिसके चलते बच्चे कुपोषण का शिकार बन रहे हैं।