अमेरिका के पीछे हटने के बाद अपने पहले आक्रमण के प्रयास में, तालिबान ने सोमवार रात अफगानिस्तान की पंजशीर घाटी में प्रतिरोध बलों पर हमला किया है। नॉर्दर्न एलायंस के अनुसार, तालिबान के हमले को नाकाम कर दिया गया है और अहमद मसूद के नेतृत्व वाली सेनाओं द्वारा कम से कम 9-10 आतंकवादी मारे गए है। प्रतिरोध बलों के दो सदस्य भी घायल हो गए हैं। जिसके बाद घाटी में 'शांति' लाने के लिए कई दौर की बातचीत करने की कोशिश की गयी, लेकिन उत्तरी गठबंधन और तालिबान के बीच समझौता सफल नहीं हो पाया है।
नॉर्दर्न अलायंस के मुताबिक तालिबान ने पंजशीर पर अलग-अलग इलाकों से हमला करने की योजना बनाई थी लेकिन एनआरएफ ने आतंकी समूह को पीछे हटने पर मजबूर कर दिया। तालिबान ने कथित तौर पर घाटी को घेर लिया है, जिसमें लड़ाके और भारी तोपखाने शामिल हैं।
हिंदुकुश पहाड़ियों से घिरी पंजशीर घाटी तालिबानी विरोधी ताकत का केंद्र मानी जाती है। साल 1996 से 2001 तक तालिबान के शासन के दौरान भी पंजशीर घाटी उनके नियंत्रण में नहीं था। पंजशीर घाटी में नॉर्दर्न एलायंस ने तालिबान को लगातार कड़ी चुनौती दी है।
मौजूदा वक्त में अफगानिस्तान के कार्यवाहक राष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह और अहमद शाह मसूद के बेटे अहमद मसूद पंजशीर घाटी में हैं और तालिबान को चुनौती दे रहे हैं। हाल ही में अहमद मसूद ने तालिबान के साथ जाने के दावे को खारिज कर दिया है। मसूद ने कहा है कि वह अपने पिता के नक्शेकदम पर चलेंगे और तालिबान के सामने आत्मसमर्पण नहीं करेंगे। उन्होंने कहा है कि, 'मैं अहमद शाह मसूद का बेटा हूं। मेरी डिक्शनरी में सरेंडर जैसा कोई शब्द नहीं है।'