Afghanistan, 18 Aug, 2021 अफगानिस्तान में लगभग तालिबानी राज कायम हो चुका है और अब नए सिरे से यहां नियमों का मापदंड तय किया जा रहा है। तालिबान ने कहा है कि अगर महिलाओं को नौकरी करनी है तो उसके लिए कुछ नियम तय होंगे। तालिबान का कहना है कि महिलाएं कामकाज के लिए निकल सकती हैं, लेकिन उन्हें शरीयत के नियमों का पूरा पालन करना ही होगा। हालांकि तालिबान का यह रवैया भी उसके पुराने दौर के मुकाबले काफी उदार कहा जा सकता है।
तालिबान के एक नेता ने नाम उजागर न करने की शर्त पर ब्लूमबर्ग से बातचीत में कहा कि महिलाएं जहां भी चाहें काम कर सकती हैं, लेकिन शरिया कानून का पालन करना होगा। अमेरिका के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर 11 सितंबर, 2001 को हुए हमले से पहले अफगानिस्तान में उसकी सरकार थी। तब महिलाओं पर कड़ी पाबंदियां लागू थीं। यहां तक कि उन्हें मामूली गलतियों पर भी कोड़े खाने जैसी बर्बर सजाएं झेलनी पड़ती थीं। तालिबान के सांस्कृतिक आयोग ने कहा कि महिलाएं पीड़ित नहीं रह सकतीं। अमेरिका समेत कई देशों ने तालिबान से अपील की है कि वे महिलाओं के साथ बर्बरता से पेश न आएं।इसके अलावा संयुक्त राष्ट्र की ओर से भी ऐसी ही मांग की गई है। इसके अलावा खुद तालिबान भी 20 साल के संघर्ष के बाद सत्ता में लौटा है और वह दुनिया के सामने अपनी अपेक्षाकृत उदार छवि पेश करना चाहता है। इससे पहले तालिबान ने सरकारी कर्मचारियों से अपील की थी कि वे काम पर लौट आएं और उन्हें किसी भी तरह का खतरा नहीं होगा।