Ukaine, 21 March (News Helpline) अमेरिका ने औपचारिक रूप से रोहिंग्या मुसलमानों के खिलाफ म्यांमार सेना के अत्याचारों को नरसंहार घोषित करने का फैसला किया है। इससे म्यांमार की सैन्य सत्ता पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ने की उम्मीद है। एक अमेरिकी अधिकारी ने रविवार को कहा कि अमेरिका ने रोहिंग्या अल्पसंख्यकों पर म्यांमार की लंबे समय से चली आ रही सैन्य कार्रवाई को नरसंहार और मानवता के खिलाफ अपराध करार दिया है। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन सोमवार को वॉशिंगटन में होलोकॉस्ट संग्रहालय में एक कार्यक्रम के दौरान इसकी आधिकारिक घोषणा करेंगे। संग्रहालय म्यांमार में रोहिंग्याओं के शोषण को दिखाने के लिए "नरसंहार के लिए बर्मा का पथ" नामक एक प्रदर्शनी की मेजबानी कर रहा है। ब्लिंकेन ने पिछले साल दिसंबर में मलेशिया की यात्रा के दौरान कहा था कि अमेरिका "गंभीरता से विचार" कर रहा था कि क्या रोहिंग्या के दमन को "नरसंहार" के रूप में माना जा सकता है। 2018 में रखाइन में संयुक्त राष्ट्र की ओर से भेजे गए तथ्यखोजी दल ने रिपोर्ट दी थी कि 2017 में रखाइन प्रांत में चलाए गए सैन्य अभियान को "नरसंहार के इरादे" की तरह अंजाम दिया गया। अनिश्चितता के दौर से गुजरते भारत में रोहिंग्या शरणार्थी वर्तमान में लगभग साढ़े आठ लाख रोहिंग्या मुसलमानों ने पड़ोसी देश बांग्लादेश में शरण ले रखी है।
वहां से भागे हुए लोगों का कहना है कि रोहिंग्या मुसलमानों का नरसंहार किया गया, महिलाओं के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया और उनके घरों को लूटा गया। हेग स्थित इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस में भी इस मामले की सुनवाई चल रही है। नरसंहार घोषित करने का मतलब यह नहीं है कि म्यांमार के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। रोहिंग्या के खिलाफ भयानक अभियान के कारण, म्यांमार के सैन्य नेतृत्व पर पहले ही कई प्रतिबंध लगाए जा चुके हैं।