Australia, 9 June, 2021
ऑस्ट्रेलिया पर एक शरणार्थी परिवार को क्रिसमस आइलैंड डिटेंशन सेंटर से रिहा करने का दबाव है, क्योंकि उसके तीन साल के बच्चे को चिकित्सकीय रूप से मुख्य भूमि पर ले जाया गया था।
बुखार, उल्टी और चक्कर आने से अस्वस्थ होने पर थार्निका मुरुगप्पन को पर्थ के एक अस्पताल ले जाया गया।
अधिवक्ताओं का कहना है कि उसे तब से सेप्सिस और निमोनिया का पता चला है, और उसकी हालत स्थिर है।
लेकिन उन्होंने पर्याप्त चिकित्सा देखभाल प्राप्त करने में देरी की आलोचना की है।
थार्निका लगभग 10 दिनों से बीमार थी, जिसके बाद अधिकारियों ने उसे क्रिसमस द्वीप पर अस्पताल ले जाया, और बाद में उसे पर्थ स्थानांतरित कर दिया।
उसकी मां, प्रिया नदेसलिंगद्रम ने कहा कि उसने बार-बार एंटीबायोटिक्स या अस्पताल में इलाज के लिए कहा था, लेकिन डॉक्टरों ने उसे केवल पेरासिटामोल और इबुप्रोफेन गोलियां दीं।
वहीं, दूसरी तरफ ऑस्ट्रेलियाई अधिकारियों ने द्वीप पर परिवार को दी जाने वाली देखभाल के स्तर का बचाव किया है, बीबीसी को बताया कि थार्निका ने क्रिसमस द्वीप पर "चिकित्सकीय सलाह के अनुरूप" उपचार प्राप्त किया था।
एक प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, "ऑस्ट्रेलियाई सीमा बल अपनी देखभाल में व्यक्तियों की निष्क्रियता या दुर्व्यवहार के किसी भी आरोप से दृढ़ता से इनकार करता है।"