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कोरोना संक्रमण को काबू करने में नाकाम चीन, नहीं हो रहे मई दिवस के आयोजन

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Posted On:Wednesday, May 4, 2022

मुंबई, 4 मई, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। चीन तमाम कोशिशों के बावजूद कोरोना संक्रमण को काबू करने में नाकाम साबित हो रहा है। चीन के 26 शहरों मे लॉकडाउन लगा हुआ है। चीन में 21 करोड़ की आबादी घरों में है। तो वही 1 मई को होने वाले मजदूर दिवस पर सार्वजनिक कार्यक्रमों पर रोक रही। चीन के पिछले 73 साल के इतिहास में पहली बार मई दिवस के आयोजन नहीं हुए। मास टेस्टिंग के लिए लोगों को घर से निकलने की छूट दी गई थी। जिसके बाद सोशल मीडिया पर शंघाई में लोग सैर करते नजर आए और सुपरमार्केट में भी समान खरीदने के लिए लाइनों में दिखे, जिन्हें फिर से खोलने की अनुमति दी थी। असल में चीन में नए वैरिएंट को कंट्रोल करने के लिए मास टेस्टिंग शुरू की गई है। आर्थिक राजधानी शंघाई में सख्त लॉकडाउन और राजनीतिक बीजिंग में कोरोना के मामले में कमी नहीं आने के बावजूद चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग इस मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए हैं। अप्रैल के दौरान जिनपिंग ने कई सार्वजनिक कार्यक्रमों में शिरकत की, लेकिन कोरोना और लॉकडाउन के बारे में कोई बयान नहीं दिया।

यहां तक कि 2.5 करोड़ की आबादी वाले शंघाई के लोगों को टेलीविजन पर भी संबोधित नहीं किया। चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के समाचार पत्र के संपादक रहे डेंग यूवेन का कहना है कि जिनपिंग ऐसा जानबूझ कर रहे हैं, क्योंकि लोगों में लॉकडाउन और अन्य प्रतिबंधों की वजह से गुस्सा है। ज्यादातर शहरों में लॉकडाउन के कारण चीन की 22% GDP पर असर पड़ रहा है। ऐसे में चीन की 1,126 लाख करोड़ की कुल GDP में से 247 लाख करोड़ रुपए की अर्थव्यवस्था प्रभावित हो रही है। अप्रैल के आंकड़ों के अनुसार चीन का मैन्युफैक्चरिंग आउटपुट भी पिछले दो साल के दौरान सबसे कम रहा है। चीन के झिजिंगयान, जिलिन, शंघाई, बीजिंग समेत 8 प्रांतों में लगभग दो महीने से स्कूल बंद हैं। यहां ओमिक्रॉन वायरस के कारण संक्रमण के केस कम नहीं हो रहे हैं। जिनपिंग सरकार ने इन प्रांतों के स्कूलों में पढ़ने वाले प्राइमरी के बच्चों की कोरोना वायरस टेस्टिंग के आदेश दिए हैं। बच्चों को घरों से लाकर जांच हो रही है।

चीन के कई शहरों में लॉकडाउन के कारण लोगों को खाने पीने की चीजों की सप्लाई के लिए मोहताज होना पड़ रहा है। राष्ट्रपति जिनपिंग ने पहले लगभग 75 लाख सरकारी कर्मचारियों को राहत सामग्री वितरण और अन्य कामों में लगाया। सरकारी कर्मचारियों की संख्या कम पड़ने लगी तो अब कम्युनिस्ट पार्टी के लगभग 50 लाख कार्यकर्ताओं को भी मैदान में उतार दिया गया है। ऐसा जिनपिंग को इसलिए करना पड़ा है, क्योंकि भले ही वे लॉकडाउन और अन्य सख्ती के बारे में बयान नहीं दें लेकिन उन्हें लोगों के असंतोष के बारे में पता है। साल के अंत में उन्हें अपने तीसरे कार्यकाल के लिए पोलित ब्यूरो बुलानी है।


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