अफगानिस्तान में तालिबान के फिर से सत्ता में आने के बाद, एक पूर्व वरिष्ठ अमेरिकी राजनयिक ने कहा है कि चीन को करीब से देखने की जरूरत है क्योंकि वह बगराम वायु सेना के अड्डे पर कब्जा करने के लिए कदम उठा रहा है, जिसे संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा लगभग दो दशक तक नियंत्रित किया गया था।
संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की पूर्व दूत निक्की हेली ने बुधवार को फॉक्स न्यूज को बताया कि अब समय आ गया है कि राष्ट्रपति जो बाइडेन का प्रशासन भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया जैसे अपने प्रमुख मित्रों और सहयोगियों तक पहुंचे और उन्हें आश्वस्त करें कि अमेरिका उनकी मदद करेगा।
हेली ने कहा, 'एक चीज जो आपको तुरंत करनी चाहिए, वह यह है कि आप आपने सहयोगी देशों के साथ इस बारे में संपर्क कायम करें। चाहे वह ताइवान हो, यूक्रेन हो, इजरायल हो, भारत हो या ऑस्ट्रेलिया अथवा जापान। इन सभी से आप जुड़िए। आप बताइए कि आपको उनकी जरूरत है।'
वह आगे कहती हैं, 'दूसरी चीज, हमें यह देखना होगा कि आतंकवाद के खिलाफ दुनिया भर में जो अभियान चल रहा है, वह रुकने न पाए। क्योंकि अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा हो जाने के बाद आतंकवादियों का मनोबल बढ़ा हुआ है। आने वाले दिनों में दुनिया भर में आतंकवादी गतिविधियों के लिए बड़ी संख्या भर्तियां होंगी। भविष्य में वुल्फ अटैक का खतरा है। यह सुनिश्चित करना होगा कि हम सुरक्षित हैं। हमें अपनी साइबर सुरक्षा मजबूत बनानी है क्योंकि रूस हमें फिर से निशाना बना सकता है। हमें चीन पर नजर रखने की जरूरत है क्योंकि मेरा मानना है कि बगराम एयरबेस पर वह अपना नियंत्रण पाने की फिराक में है।'
'मेरा यह भी मानना है कि अफगानिस्तान में चीन अपना प्रभाव तेज करने वाला है। वह भारत के खिलाफ पाकिस्तान इस्तेमाल करना चाहता है। इसलिए अभी हमारे पास बहुत सारे जटिल मसले हैं। इसे देखते हुए हमें अपने सहयोगी देशों और उनके साथ संबंधों को पहले से ज्यादा मजबूत बनाना है।'