ताजा खबर
कनाडा सरकार ने इंफोसिस पर लगाया 82 लाख रुपये का जुर्माना   ||    Google Accidentally Deletes $125 Billion Pension Fund Account From Cloud   ||    प्रतिदिन 133 महिलाएँ अपने साथियों द्वारा मारी जा रही हैं; जानिए क्या है स्त्री हत्या और किन देशों ने...   ||    किर्गिस्तान भीड़ के हमलों के बीच भारत और पाकिस्तान ने छात्रों को अंदर रहने की चेतावनी दी   ||    वैज्ञानिकों ने खोजी ‘हत्यारी’ मकड़ी की नई प्रजाति, पैरों से दबोचती हैं शिकार, नाम भी अजीब   ||    छोटी उंगली को 360 डिग्री तक घुमा लेता है युवक, जिम से वायरल वीडियो को देख चुके हैं लाखों लोग   ||    प्रॉपर्टी या शेयर, किसमें लगाएं पैसा? घर की बढ़ रही कीमतें तो रियल एस्टेट कंपनियों के शेयरों की ऊंची...   ||    Kanya Utthan Yojana: बेटियों को 50 हजार रुपये दे रही सरकार, आज आवेदन करने की आखिरी तारीख   ||    Petrol Diesel Price Today: शनिवार को जारी हुई पेट्रोल-डीजल की कीमत? जानें ईंधन के नए रेट   ||    RCB Vs CSK: 18 मई को निर्णायक मुकाबला, अगर बारिश ने बिगाड़ा खेल… तो कौन करेगा क्वालीफाई   ||   

जर्मनी में रूसी ऊर्जा को लेकर असमंजस की स्थिति

Photo Source :

Posted On:Thursday, March 10, 2022

Germany, 10 March (News Helpline)       जर्मनी ने रूसी गैस और तेल के आयात पर पूरी तरह से बैन लगाने से इंकार कर दिया है। लेकिन अब यह मांग बढ़ रही है कि देश आर्थिक जरूरतों की जगह नैतिकता का साथ दे। अमेरिका और ब्रिटेन के रूसी तेल पर पूरी तरह से बैन लगा देने के बाद जर्मनी के चांसलर ओलाफ शॉल्त्स और जी7 के दूसरे सदस्य देशों पर ऐसा ही करने का दबाव बढ़ रहा है। नौ मार्च को क्लाइमेट ऐक्टिविस्टों, शिक्षाविदों, लेखकों और वैज्ञानिकों के एक समूह ने जर्मन सरकार को एक खुला पत्र लिखा। पत्र में उन्होंने सरकार से रूसी ऊर्जा पर पूरी तरह से बैन लगाने की मांग की और कहा है कि "हम सब इस युद्ध का वित्त-पोषण कर रहे हैं"। इसी हफ्ते कंजर्वेटिव जर्मन सांसद और विदेश नीति के जानकार नॉर्बर्ट रोएटगेन का एक लेख एक अखबार में छपा जिसमें उन्होंने लिखा कि "रूस के तेल और गैस के व्यापार को तुरंत रोकना" एकमात्र सही रास्ता है। अस्थिरता का डर उन्होंने लिखा, "पुतिन के युद्ध कोष में हर रोज लगभग एक अरब यूरो डाले जा रहे हैं और इससे रूस के केंद्रीय बैंक के खिलाफ लगाए गए हमारे प्रतिबंध नाकाम हो रहे हैं"। उन्होंने यह भी लिखा, "अगर हम अभी झिझके तो कई यूक्रेनियों के लिए बहुत देर हो जाएगी" अभी तक शॉल्त्स की सरकार का इस विषय पर रुख बदला नहीं है। 
 
सरकार की दलील है कि प्रतिबंधों की वजह से उन्हें लागू करने वाले देशों के अस्थिर होने का जोखिम नहीं खड़ा होना चाहिए। चूंकि जर्मनी अपने जरूरत की आधी गैस और कोयला और करीब एक तिहाई तेल रूस से लेता है, विशेषज्ञों का कहना है कि बिजली एकदम से ठप हो जाए ऐसी स्थिति को बचाने के लिए एक परिवर्तन काल की जरूरत होगी। विदेश मंत्री अनालेना बायरबॉक ने आठ जनवरी को चेतावनी दी थी, "अगर हालात ऐसे हो गए कि नर्सें और शिक्षक काम पर जाना छोड़ दें और हमें कई दिन बिना बिजली के गुजारने पड़ें...तब पुतिन युद्ध को आंशिक रूप से जीत जाएंगे क्योंकि उन्होंने दूसरे देशों को अव्यवस्था में धकेल दिया होगा।
 
जर्मनी के नाजुक हालात को रेखांकित करते हुए बायरबॉक ने एक साक्षात्कार के दौरान माना कि वित्त मंत्री रॉबर्ट हाबेक "पूरी दुनिया में कोयला खरीदने की अत्यावश्यक रूप से कोशिश कर रहे हैं" लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि सम्पूर्ण बैन दर्द दायक तो होगा, लेकिन असंभव नहीं।


बनारस और देश, दुनियाँ की ताजा ख़बरे हमारे Facebook पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें,
और Telegram चैनल पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें



You may also like !

मेरा गाँव मेरा देश

अगर आप एक जागृत नागरिक है और अपने आसपास की घटनाओं या अपने क्षेत्र की समस्याओं को हमारे साथ साझा कर अपने गाँव, शहर और देश को और बेहतर बनाना चाहते हैं तो जुड़िए हमसे अपनी रिपोर्ट के जरिए. banarasvocalsteam@gmail.com

Follow us on

Copyright © 2021  |  All Rights Reserved.

Powered By Newsify Network Pvt. Ltd.