Pakistan, 4 Aug, 2021 पाकिस्तान द्वारा कही गईं बातें बड़ी-बड़ी होती हैं, लेकिन असलियत क्या है वो सभी जानते हैं। ऐसे में पाकिस्तान विपक्ष ने देश को फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की ग्रे लिस्ट से हटाने में विफल रहने पर इमरान खान की संघीय सरकार पर निशाना साधा है।
डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) एमएनए और पूर्व प्रधान मंत्री राजा परवेज अशरफ ने संघीय सरकार से नेशनल असेंबली द्वारा सिर्फ एक ही शर्त के बारे में कहा था, जिसे पाकिस्तान ने अब तक एफएटीएफ की ग्रे सूची से बाहर आने के लिए पूरा नहीं किया है।
सवाल के जवाब में संसदीय कार्य राज्य मंत्री अली मुहम्मद खान ने सोमवार को कहा कि कार्यान्वयन के लिए एकमात्र बिंदु कुछ लोगों के खिलाफ मुकदमा चलाने के संबंध में था।
एफएटीएफ की शर्तों के बारे में सवाल असल रूप से पीपीपी के शमीम आरा पंहवार द्वारा पूछा गया था और इसे स्पीकर ने मई में विधानसभा सत्र के दौरान टाल दिया था।
सवाल के लिखित जवाब में वित्त मंत्री शौकत तारिन ने विधानसभा को बताया कि एफएटीएफ ने 25 फरवरी को हुई अपनी पूर्ण बैठक में एफएटीएफ की कार्य योजना पर पाकिस्तान की प्रगति की समीक्षा की थी।
पाकिस्तान जून 2018 से अपने आतंकवाद-रोधी वित्तपोषण और धन-शोधन रोधी व्यवस्थाओं में कमियों के लिए FATF की ग्रे सूची में है।
पाकिस्तान को FATF की ग्रे लिस्ट से अपना नाम हटाने की मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है। जैसे-जैसे चीजें खड़ी होती हैं, इस्लामाबाद को आतंकी अपराधियों को बचाना और साथ ही FATF की कार्य योजना को लागू करना मुश्किल हो रहा है।