मुंबई, 6 मई, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। भारत ने यूनाइटेड नेशन ( UN) में नीदरलैंड के राजदूत को फटकार लगाई है। UN में भारत के स्थाई प्रतिनिधि टीएस तिरुपति ने कहा कि आप भारत को न बताएं, क्या करना है और क्या नहीं। हमें किसी की सलाह की कोई जरूरत नहीं है। दरअसल, डच राजदूत कैरल वन ओस्टोरम ने यूक्रेन पर भारत के रुख पर सवाल उठाते हुए कहा था कि भारत को जनरल असेंबली में वोटिंग का बायकॉट करने के बजाय अपना पक्ष साफ करके UN चार्टर का सम्मान करना चाहिए।
आपको बता दे जनवरी से ही रूस-यूक्रेन के बीच होने वाली तनातनी पर भारत सिक्योरिटी काउंसिल की जनरल असेंबली और ह्यूमन राइट काउंसिल में रूस की निंदा करने वाले ड्राफ्ट पर अपना वोट ऐब्स्टैंड करता आ रहा है। अप्रैल में ह्यूमन राइट काउंसिल से रूस को हटाने की मांग पर भारत ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया था। इसके बाद मार्च में यूक्रेन और उसके सहयोगी देशों ने रूस के खिलाफ एक प्रस्ताव पेश किया था। इस पर भी भारत ने अपना वोट ऐब्स्टैंड कर लिया था। भारत के साथ करीब 34 देश वोटिंग से दूर रहे थे, यानी इन्होंने वोटिंग में हिस्सा ही नहीं लिया था।
जिसके बाद यूनाइटेड नेशन सिक्योरिटी काउंसिल की मीटिंग हुई, लेकिन तिरुपति ने मीटिंग से पहले ट्विटर पर ही अपना आधिकारिक बयान जारी कर दिया है। उन्होंने कहा भारत शुरुआत से संघर्ष खत्म करके बातचीत और कूटनीतिक तरीकों से मामला सुलझाने की अपील करता है। हम बूचा में बेकसूर नागरिकों की हत्या की कड़ी निंदा करते हैं। भारत बूचा मामले में निष्पक्ष जांच की अपील करता है। हमें लगता है इस संघर्ष में कोई नहीं जीतेगा। जब जंग होती रहेगी, दूसरे रास्ते किसी को नहीं दिखेंगे। लोग ऐसे ही अपनी जान गंवाते रहेंगे। यूनाइटेड नेशन ने जिस तरह मारियुपोल से निकलने में लोगों की मदद की है, वो सराहनीय है। हमें उम्मीद है कि UN दूसरे इलाकों में भी ऐसा ही प्रयास करेगा।