मुंबई, 21 सितम्बर, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। अमेरिका के मुताबिक, भारत अब हथियार और तेल को लेकर रूस के भरोसे नहीं चाहता, वो दूसरे विकल्प खोज रहा है और US इसमें मदद कर रहा है। CNN की एक स्पेशल रिपोर्ट में अमेरिकी विदेश मंत्रालय के एक अफसर के हवाले से यह दावा किया गया है। इस रिपोर्ट के मुताबिक, रूस पर डिपेंडेंस कम करने के मुद्दे को लेकर अमेरिका और भारत के बीच गंभीर बातचीत चल रही है। CNN ने इस बारे में भारतीय विदेश मंत्रालय का पक्ष जानना चाहा। इस पर उन्हें जवाब नहीं मिल सका। अफसर ने कहा की 40 साल से भारत हथियार और कच्चे तेल की जरूरत पूरी करने के लिए रूस के भरोसे है। अब वो दूसरे और भरोसेमंद विकल्प खोजना चाहता है। हम इस मामले में उसकी मदद कर रहे हैं। दोनों देश इस बारे में गंभीर चर्चा कर रहे हैं। इससे भारत के पास हथियार और कच्चे तेल खरीदने के ऑप्शंस बढ़ जाएंगे। आपको बता दे रूस और भारत के संबंध पुराने हैं। हालांकि, पिछले कुछ साल में भारत और अमेरिका के रिश्ते भी काफी मजबूत हुए हैं। भारत और रूस के बीच सालाना ट्रेड करीब 8 बिलियन डॉलर का है। दूसरी तरफ, अमेरिका और भारत के बीच ट्रेड का आंकड़ा 110 बिलियन डॉलर है।
रूस अपना क्रूड ऑयल एशियाई देशों में सबसे ज्यादा एक्सपोर्ट करता है। चीन और भारत सबसे बड़े खरीदार हैं। 6 महीने से रूस-यूक्रेन जंग जारी है। पश्चिमी देशों ने रूस पर कड़े प्रतिबंध लगाए हैं। रूस ने इकोनॉमी बचाने के लिए बेहद कम दाम पर तेल एक्सपोर्ट किया है। भारत ने इसका फायदा उठाते हुए करीब 350 हजार करोड़ रुपए की बचत की है। खास बात यह है कि भारत रूस को पेमेंट डॉलर में नहीं, बल्कि रूपए में कर रहा है। रूसी तेल की खरीद में भारत की हिस्सेदारी 1% से 12% हो गई है। रॉयटर्स के के मुताबिक, रूस जुलाई में भारत का दूसरा सबसे बड़ा ऑयल सप्लायर बन गया।