Pakistan, 17 March (News Helpline) पहले से ही भारी विदेशी कर्ज में डूबे पाकिस्तान ने एक बार फिर से कर्ज के लिए गुहार लगाई है। पाकिस्तान ने एक बार फिर से चीन से कर्ज की गुजारिश की है। खबर है कि पाकिस्तान ने चीन से 21 अरब डॉलर का कर्ज मांगा है। मीडिया ने विश्वसनीय सूत्रों का हवाला देते हुए कहा है कि पाकिस्तान के वित्त मंत्रालय ने चीन में अपने राजदूत मोइन उल हक से इस्लामाबाद के 21 अरब डॉलर के वित्तीय पैकेज के अनुरोध पर अपडेट मांगा है।
बिजनेस रिकॉर्डर के अनुसार, पाकिस्तान ने भविष्य की वित्तीय जरूरतों को पूरा करने और वित्तीय चुनौतियों से निपटने के लिए चीन से 21 बिलियन अमरीकी डालर की वित्तीय सहायता का अनुरोध किया है। पाकिस्तान ने चीन से नए लोन के तहत 10.735 बिलियन अमरीकी डालर और डिपॉजिट फंड के रूप में 10 बिलियन अमरीकी डालर का लोन मांगा है।
इस साल 18 फरवरी को पाकिस्तान के वित्त मंत्रालय ने चीन में अपने राजदूत को लिखे पत्र में कहा था कि 3-6 फरवरी को प्रधानमंत्री इमरान खान की चीन यात्रा के दौरान कई एजेंडा आइटम चर्चा में आए।
इसमें वित्त मंत्रालय द्वारा पेश किए गए वे एजेंडे भी शामिल हैं जिनमें मैच्योरिटी पर सभी वित्तपोषण सुविधाओं का रोलओवर (4.0 बिलियन अमरीकी डालर का SAFE डिपॉजिट और 6.735 बिलियन अमरीकी डालर का कॉमर्शियल लोन) शामिल है। एक 2.0 बिलियन अमरीकी डालर का SAFE डिपॉजिट 23 मार्च, 2022 को मैच्योर होने वाला है। यानी पाकिस्तान को चीन को 23 मार्च तक वो पैसा देना है। लेकिन उसने उससे पहले ही और कर्ज मांग लिया है और पुराने कर्ज को नए सिरे से शुरू करने का अनुरोध किया है।
पाकिस्तान ने 10 अरब अमेरिकी डॉलर की जमा राशि का प्रावधान करने का भी अनुरोध किया है। इसके अलावा, स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान ने मुद्रा विनिमय व्यवस्था को बढ़ाकर 15 बिलियन अमेरिकी डॉलर करने का प्रस्ताव किया है। प्रधानमंत्री इमरान खान के अकुशल नेतृत्व में इस्लामाबाद की वित्तीय स्थिति एक अनिश्चित स्थिति में है।