यह सभी जानते हैं कि पाकिस्तान सरकार और प्रतिबंधित आतंकी समूह तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के बीच सभी चीजे सही नहीं है. ऐसे में एक बयान के अनुसार, पाकिस्तान सरकार और प्रतिबंधित आतंकी समूह तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) देश में स्थायी शांति हासिल करने के लिए आगे की बातचीत के लिए मंगलवार से शुरू हो रहे एक महीने के संघर्ष विराम पर सहमत हो गया है. टीटीपी के प्रवक्ता मुहम्मद खुरासानी ने बयान में कहा कि दोनों पक्ष युद्धविराम की अवधि का सम्मान करेंगे, जिसे दोनों पक्षों की सहमति के अधीन बढ़ाया जा सकता है.
टीटीपी, जिसे आमतौर पर पाकिस्तानी तालिबान के रूप में जाना जाता है, अफगान-पाकिस्तान सीमा पर स्थित एक प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन है.
यह एक दशक से अधिक समय से पाकिस्तान में अलग-अलग हमलों में शामिल रहा है, जिसमें हजारों लोग मारे गए है और कथित तौर पर जो इस देश में आतंकवादी हमलों की साजिश के लिए अफगान धरती का उपयोग कर रहे थे.
सरकार अब शांति समझौते तक पहुंचने और हिंसा को समाप्त करने के लिए टीटीपी पर अफगान तालिबान के प्रभाव का उपयोग करने की कोशिश कर रही है.
बयान में कहा गया है कि टीटीपी एक इस्लामिक जिहादी आंदोलन है जिसमें पाकिस्तानी लोग शामिल हैं जिन्होंने हमेशा देश के हित को सर्वोच्च रखा है. हालांकि, इस बात से कोई इंकार नहीं कर सकता कि बातचीत युद्धों का हिस्सा होती है.
टीटीपी ने वार्ता टीमों के गठन पर सहमति व्यक्त की जो दोनों पक्षों के बीच की शांति प्रक्रिया को आगे बढ़ाएगी.
पिछले महीने, प्रधान मंत्री इमरान खान ने एक साक्षात्कार में खुलासा किया था कि उनकी सरकार अफगानिस्तान में तालिबान की मदद से "सुलह" के लिए टीटीपी के साथ बातचीत कर रही है, जिसके बाद सरकार को राजनेताओं और आतंकवाद के शिकार लोगों की आलोचना का सामना करना पड़ा था. गृह मंत्री शेख राशिद ने सरकार के इस कदम का बचाव करते हुए कहा था कि बातचीत "अच्छे तालिबान" के लिए है.