Pakistan, 18 Jan (News Helpline) पाकिस्तान के चुनाव निकाय ने सोमवार को सूचना मंत्री फवाद चौधरी और सिंध के मुख्यमंत्री सैयद मुराद अली शाह सहित लगभग 150 संघीय और प्रांतीय सांसदों की सदस्यता को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया। इसकी वजह उनकी संपत्ति और देनदारियों का विवरण प्रस्तुत करने में विफलता होना बताया जा रहा है।
पिछले साल, पाकिस्तान के चुनाव आयोग (ईसीपी) द्वारा कम से कम 154 सदस्यों को निलंबित कर दिया गया था, लेकिन बाद में उन सभी ने कर विवरण जमा कर दिया और उनकी सदस्यता बहाल कर दी गई थी।
दरअसल, ईसीपी का यह कदम तब आया जब इलेक्टेड रिप्रेजेन्टेटिव ने हर साल के अंत तक संपत्ति और देनदारियों को अनिवार्य रूप से दाखिल करने का उल्लंघन किया। एक नोटिफिकेशन के अनुसार, "विधानसभा और सीनेट के हर सदस्य को हर साल 31 दिसंबर को या उससे पहले अपने पति या पत्नी और आश्रित बच्चों की संपत्ति और देनदारियों सहित संपत्ति और देनदारियों के अपने डिटेल्स का एक स्टेटेमनेट जून के तीसवें दिन प्रस्तुत करना होता है।"
कानून के मुताबिक, ईसीपी जनवरी के सोलहवें दिन, एक आदेश द्वारा एक विधानसभा और सीनेट के सदस्य की सदस्यता को निलंबित कर देगा जो जनवरी के 15 वें दिन तक संपत्ति और देनदारियों डिटेल्स देने में विफल रहते हैं और ऐसे "सदस्य को तब तक काम पर वापस नहीं लिया जाएगा, जब तक वह संपत्ति और देनदारियों का डिटेल दाखिल नहीं करता।
ईसीपी के अनुसार, जो निलंबित हैं वे संसदीय कार्यवाही में भाग नहीं ले सकते हैं और उनकी सदस्यता तब तक निलंबित रहेगी जब तक कि वे अपने संबंधित स्टेटेमनेट जमा नहीं कर देते।
ईसीपी ने कहा कि निलंबन से प्रभावित लोगों में तीन सीनेटर, नेशनल असेंबली के 36 सदस्य, पंजाब विधानसभा के 69 सदस्य, सिंध विधानसभा के 14 सदस्य, खैबर-पख्तूनख्वा विधानसभा के 21 सदस्य और बलूचिस्तान विधानसभा के सात सदस्य शामिल हैं।
सूचना मंत्री चौधरी, धार्मिक मामलों के मंत्री नूरुल हक कादरी, ऊर्जा मंत्री हम्माद अजहर, शिक्षा मंत्री शफकत महमूद, अंतर-प्रांतीय समन्वय मंत्री फहमीदा मिर्जा और सूचना राज्य मंत्री फारुख हबीब निलंबन से प्रभावित सदस्यों में से कुछ हैं।
इसके अलावा पूर्व प्रधानमंत्री राजा परवेज अशरफ और सिंध के मुख्यमंत्री शाह भी उन सांसदों में शामिल हैं जिन्हें संबंधित विधानसभाओं में शामिल होने से निलंबित कर दिया गया है।