मुंबई, 3 जून, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। पाकिस्तान की हालत बत से बत्तर होती दिख रही है। कर्ज के दलदल में फंसा पाकिस्तान तेजी से दिवालिया होने की तरफ बढ़ रहा है। फॉरेन रिजर्व एक अंक में पहुंच गया है। 27 मई को फॉरेन रिजर्व महज 9.72 अरब डॉलर ही रह गए। इससे भी बड़ी दिक्कत यह है कि इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड यानी IMF ने अब तक कर्ज की तीसरी किश्त को हरी झंडी नहीं दी है। तो वही UAE, सऊदी अरब और चीन चाहते हैं कि पहले IMF पाकिस्तान का कर्ज मंजूर करे, फिर वो कुछ मदद कर पाएंगे।
अगस्त के बाद फॉरेन रिजर्व करीब आधे हो चुके हैं। अब हालात ये हैं कि पाकिस्तान सरकार सिर्फ चार हफ्ते का इम्पोर्ट बिल ही अफोर्ड कर सकती है। 13 पार्टियों के गठबंधन वाली शाहबाज शरीफ सरकार ने इमरान खान को हटाकर सत्ता तो हासिल कर ली, लेकिन खान जाते-जाते उसके लिए जाल फैला गए और वो इसमें फंसती चली जा रही है। इमरान ने जाते वक्त फ्यूल रेट्स 10 रुपए प्रति लीटर कम कर दिए। 6 दिन में शरीफ सरकार को 60 रुपए प्रति लीटर रेट बढ़ाने पड़े। बिजली प्रति यूनिट 8 रुपए महंगी कर दी गई। महंगी कारों समेत 30 लग्जरी आयटम्स के इम्पोर्ट पर बैन लगा दिया गया। इन इंतजामों के बावजूद फॉरेन रिजर्व खत्म हो रहा है।
‘ब्लूमबर्ग’ वेबसाइट की एक रिपोर्ट के मुताबिक- पाकिस्तान के हुक्मरान इकोनॉमी संभालने के मामले में बिल्कुल बेबस नजर आ रहे हैं। उनकी आखिरी उम्मीद IMF है। परेशानी यह है कि अब तक IMF ने भी कर्ज को हरी झंडी नहीं दी है। रिपोर्ट के मुताबिक, 27 मई को सेंट्रल बैंक ऑफ पाकिस्तान की रिपोर्ट जारी हुई और इसमें बताया गया है कि कुल फॉरेन रिजर्व 9.72 अरब डॉलर ही बचे हैं। एक हफ्ते में यह 3.6 करोड़ कम हुए। खास बात ये है कि अब तो एक हफ्ता और गुजर चुका है और IMF ने किश्त जारी नहीं की है। लिहाजा, ये माना जा सकता है कि 9.72 अरब डॉलर का आंकड़ा अब और भी कम हो चुका होगा।