मुंबई, 23 सितम्बर, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। यूक्रेन के 4 हिस्सों- डोनेट्स्क, लुहांस्क, खेरसॉन और जपोरिजिया को औपचारिक रूप से अपना हिस्सा बनाने के लिए रूस की ओर से यहां वोटिंग शुरू हो गई है। यानी यहां रहने वाले लोग तय करेंगे कि वे रूस में शामिल होने चाहते हैं या नहीं। वोटिंग 5 दिन यानी 27 सितंबर तक चलेगी। पुतिन ने रूस के कंट्रोल वाले पूर्वी और दक्षिणी यूक्रेन के इन चार हिस्सों में जनमत संग्रह का ऐलान किया था। यहां रूसी नागरिकों की संख्या काफी ज्यादा है। इन 4 इलाकों का रूस का हिस्सा बनने का मतलब यूक्रेन का आर्थिक रूप से तबाह होना होगा। चुनाव अधिकारी जनमत संग्रह के पहले 4 दिन यानी 23 सितंबर से 26 सितंबर तक लोगों के घर बैलेट्स (मतपत्र) लेकर जाएंगे। इसके लिए रेसिडेंशियल एरिया में ही मतदान केंद्र बनाए गए हैं। वोटिंग के आखिरी दिन यानी 27 सितंबर को लोग मतदान केंद्र में जाकर वोट डालेंगे।
रूस-यूक्रेन जंग जो 24 फरवरी को शुरू हुई थी, उसे 7 महीने हो गए हैं। दोनों देश झुकने के लिए तैयार नहीं हैं। इसी बीच जेलेंस्की ने दावा किया कि सितंबर में उनकी सेना रूस के कब्जे से 6 हजार वर्ग किलोमीटर जमीन आजाद करा चुकी है। रूस ने भी माना है कि उसकी सेनाएं यहां से पीछे हटीं। लेकिन पुतिन का कहना है कि ऐसा इसलिए किया गया ताकि सैनिक पूर्वी यूक्रेन में अपने समर्थक लड़ाकों के कब्जे वाले इलाके में फिर से एकजुट हो सकें। वोटिंग भी यूक्रेन पर कब्जा करने में तेज लाने के लिए ही करवाई जा रही है। आपको बता दे जिन इलाकों में वोटिंग हो रही है, वहां यूक्रेन के सैनिक नाटो और पश्चिमी देशों से मिले हथियारों का इस्तेमाल कर रहे हैं। ये 4 इलाके यूक्रेन का 15% हिस्सा कवर करते हैं। ऐसे में इन्हें औपचारिक तौर पर रूस में शामिल करने पर रूस ये दावा कर पाएगा कि यूक्रेन उसके क्षेत्र पर हमला कर रहा है और पश्चिमी देशों को भी निशाने पर लिया जा सकता है।