मुंबई, 9 मई, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। यूक्रेन में चल रही जंग के बीच रूस आज अपना 77वां विजय दिवस मना रहा है। इस दौरान रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने कहा कि पश्चिमी देश क्रीमिया सहित रूस पर आक्रमण की तैयारी कर रहे थे। इसलिए यूक्रेन पर हमला करना जरूरी हो गया था। विक्ट्री डे पर लोगों को संबोधित करते हुए पुतिन ने कहा कि नाटो हमारी सीमा पर खतरा पैदा करना चाहता था। रूसी सेना यूक्रेन में अपनी मातृभूमि की रक्षा कर रही है। रूसी सेना ने पश्चिमी देशों की नीतियों के खिलाफ सही समय पर और आवश्यक जवाबी कार्रवाई की है। दूसरी तरफ, रूस पर दबाव बढ़ाने के लिए अमेरिका, G-7 देशों और यूरोपियन यूनियन ने प्रतिबंधों का दायरा बढ़ा दिया है। रूसी अर्थव्यवस्था को झटका देने के लिए मॉस्को से ऑयल इंपोर्ट बैन करने की बात कही गई। हालांकि, इसके लिए कोई समय सीमा तय नहीं की गई है।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की को और मदद का भरोसा दिया। अमेरिका ने अब तक 2600 से ज्यादा रूसियों को वीसा देने से इनकार किया। इसके साथ ही रूस के तीन 3 सरकारी चैनलों पर बैन लगाया है। कोई अमेरिकी नागरिक रूसी कंपनियों को किसी भी तरह की सर्विस नहीं दे सकेगा। रूस के प्रमुख बैंकों और वित्तीय संस्थानों के साथ किसी भी प्रकार के लेन-देन पर रोक रहेगी। रूस से इंपोर्टेड लकड़ी के समान, पंखे, वेंटिलेशन सामान और अन्य कई इलेक्ट्रिक समान को भी बैन लिस्ट में डाला गया है।
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने हर साल यूक्रेन को 1.5 अरब डॉलर के एंटी टैंक मिलिट्री इक्विपमेंट भेजने की बात कही है। इसके साथ अगले एक साल के लिए यूक्रेन के लिए सभी इंपोर्ट ड्यूटी हटा ली गई हैं। यूक्रेनी राष्ट्रपति इस मदद के लिए शुक्रिया अदा करते हुए कहा- कनाडा ने अमेरिका के बाद यूक्रेन की सबसे ज्यादा मदद की है।
जंग के अपडेट्स -
- यूक्रेनी सेना का दावा है कि उसने 8 मई को पूर्वी यूक्रेन में 190 रूसी सैनिकों को हरा दिया।
- लुहान्स्क में रूसी सेना की गोलीबारी की वजह से लोगों को निकालने का सिलसिला थम गया।
- मारियुपोल स्टील प्लांट से निकाले गए 177 लोग सुरक्षित जपोरिजिया पहुंच गए हैं।