न्यूज हेल्पलाइन 5 जनवरी, नई दिल्ली, श्रीलंका अपने आर्थिक संकट को लेकर पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बना हुआ है। हाल के समय में कोरोना महामारी के बाद श्रीलंका में भारी आर्थिक संकट गहराया हुआ है। एक तरफ वहां महंगाई बढ़ रही है और लोग परेशान हैं तो दूसरी तरफ श्रीलंका सरकार चीन से भारी उधारी के कारण बढ़ते कर्ज से जूझ रही है। हालत यह हो गई कि श्रीलंका एक राष्ट्र के तौर पर दिवालिया होने की कगार पर पहुंच गया है। इन सबके बीच श्रीलंका में भारतीय हितों को देखते हुए एक्सपर्ट्स का मानना है कि श्रीलंका की स्थित अगर और बदतर हुई तो अपने भारी कर्ज के चलते श्रीलंका में नीतियों को लेकर चीन अधिक मनमानी करेगा जो भारत के लिए खतरनाक हो सकता है।
दरअसल, श्रीलंका की अर्थव्यवस्था की सबसे बड़ी समस्या वहां बढ़ती महंगाई, खाद्यान्न संकट और विदेशी मुद्रा की कमी है। नवंबर 2019 में राजपक्षे के पदभार संभालने के समय देश में विदेशी मुदा भंडार 7.5 बिलियन डॉलर था, लेकिन 2021 के अंत तक विदेशी मुद्रा भंडार गिरकर 2.5 बिलियन डॉलर ही रह गया था ।