मुंबई, 27 सितम्बर, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे का स्टेट फ्यूनरल कार्यक्रम टोक्यो के निप्पॉन बुडोकन कम्युनिटी सेंटर में किया गया। यहां भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत 700 से ज्यादा वर्ल्ड लीडर ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। इसके बाद नेशनल एंथम हुआ और आबे को 19 तोपों की सलामी दी गई। आबे की याद में 2 मिनट का मौन भी रखा गया। स्टेट फ्यूनरल कार्यक्रम में जापान की रॉयल फैमिली भी मौजूद रही। जापान की परंपरा के मुताबिक, किंग नारुहितो, क्वीन मासाको, किंग एमेरिटस अकिहितो और क्वीन एमेरिटा मिचिको ने कार्यक्रम में हिस्सा नहीं लिया। इसलिए क्राउन प्रिंस अकिशिनो उनकी पत्नी क्राउन प्रिंसेस किको और शाही परिवार के अन्य सदस्यों ने आबे को श्रद्धांजलि दी।
यहाँ स्टेट फ्यूनरल कार्यक्रम की शुरुआत में शिंजो आबे की पत्नी अकी आबे उनकी अस्थियां लेकर पहुंचीं। हजारों की संख्या में लोग आबे को श्रद्धांजलि देने निप्पॉन बुडोकन पहुंचें। करीब डेढ़ किलोमीटर लंबी लाइन देखने को मिली। लोगों को यहां अंदर तो नहीं आने दिया गया लेकिन निप्पॉन बुडोकन से 100 मीटर दूर बने कुदनजाका पार्क में फ्लावर स्टैंड्स रखा गया है, जहां लोग श्रद्धांजलि दे सकते हैं। तो वही, स्टेट फ्यूनरल सेरेमनी से पहले PM मोदी ने जापान के PM फुमियो किशिदा से मुलाकात की। इस दौरान दोनों देशों के रिश्तों को मजबूती देने के लेकर चर्चा हुई। मुलाकात के बाद मोदी वापस भारत रवाना हो गए।
आपको बता दे, शिंजो आबे की 8 जुलाई को गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। इसके बाद पारिवारिक तौर पर शिंजो का अंतिम संस्कार 15 जुलाई को कर दिया गया था। लिहाजा, आज जो स्टेट फ्यूनरल हुआ वो प्रतीकात्मक था। शिंजो की प्रतीकात्मक विदाई में सरकार खर्च कर रही है, अमूमन जापान में रॉयल फैमिली और प्रधानमंत्रियों का अंतिम संस्कार सरकारी खर्च पर नहीं किया जाता। ये परंपरा है। सभी फ्यूनरल फंक्शन पारिवारिक लोग करते हैं। आबे का राजकीय अंतिम संस्कार सरकार कर रही है। प्रतीकात्मक अंतिम विदाई समारोह पर करीब 97 करोड़ रुपए खर्चा हुआ है। यही वजह है कि इसका विरोध हो रहा है। विपक्ष और आम जनता को लगता है कि सरकार के खर्च पर आबे का अंतिम संस्कार पैसे की बर्बादी है।