मुंबई, 24 मई, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। इंटरनेशनल डिप्लोमैटिक फ्रंट पर रूस को जबरदस्त झटका लगा है। UN में रूस के डिप्लोमैट ने सार्वजनिक तौर पर यूक्रेन पर हमले को न सिर्फ गलत ठहराया, बल्कि ये भी कहा कि इस जंग के वजह से वो शर्मसार हैं। इस डिप्लोमैट का नाम बोरिस वोन्देरेव है। उन्होंने UN में अपने सहयोगियों को लेटर लिखकर जज्बात का इजहार किया। बोरिस के मुताबिक कुछ और रूसी डिप्लोमैट इस्तीफा दे सकते हैं, क्योंकि उन्हें यूक्रेन पर हमले के बाद बहुत बेइज्जत होना पड़ा है। हालांकि, वो दबाव की वजह से चुप हैं। हमारे हुक्मरान आलीशान महलों और याट में जिंदगी गुजारते हैं। वो जंग का दर्द क्या समझेंगे। उन्हें सिर्फ झूठ बोलना आता है। हमारे फॉरेन मिनिस्टर भी अलग-अलग बातें करते हैं। अब वहां डिप्लोमैसी नहीं, बल्कि जंग की जुबान बोली जा रही है। नफरत और झूठ फैलाया जा रहा है। मैं जिनेवा जा रहा हूं और अब वहीं रहूंगा।
‘वॉशिंगटन पोस्ट’ के मुताबिक, बोरिस अब शायद रूस न लौटें, क्योंकि वहां उनके साथ वही सलूक होना तय है जो पुतिन के कई विरोधियों के साथ पहले हो चुका है। बोरिस ने पुतिन के इस दावे को भी खारिज कर दिया है कि यूक्रेन में ‘स्पेशल ऑपरेशन’ चल रहा है। उनके मुताबिक- 'यह सीधे तौर पर हमला है और मैं अपनी सरकार का बचाव नहीं कर सकता। एक सिविल सर्वेंट के अलावा भी मेरी कुछ जिम्मेदारियां हैं।'
तो वही बोरिस ने कहा कि 'इसमें कोई दो राय नहीं कि यूक्रेन पर हमला बेवजह और जबरदस्ती किया गया। इसके लिए हमारे राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन जिम्मेदार हैं। उन्होंने अपने इस्तीफे में लिखा कि 'मैं 20 साल से कॅरियर डिप्लोमैट हूं। कई मिशन में काम किया, लेकिन 24 फरवरी (यूक्रेन पर हमला) को जो हुआ उससे बेहद शर्मिंदा हूं।' बोरिस ने इस्तीफा रशियन लैंग्वेज में लिखा और बाद में न्यूज एजेंसी ने इसे अंग्रेजी में पब्लिश किया।