US, 9 March (News Helpline) एक तरफ जहां रूस और यूक्रेन के बीच जंग जारी है, तो वहीं दूसरी ओर तेल की कीमतों में भारी उछाल देखा जा रहा है। तेल की कीमतों को लेकर खासकर अमेरिका को तब बड़ा झटका लगा जब देश के राष्ट्रपति जो बाइडन ने सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान और संयुक्त अरब अमीरात के शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान से बात करने के लिए फोन किया, लेकिन दोनों ही नेताओं ने फोन नहीं उठाया।
एनबीटी में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक दोनों देश अमेरिका से तब बात करेंगे, जब उनकी एक शर्त पर सहमति बनेगी। इन दोनों देशो ने शर्त रखी है कि पहले अमेरिका उसका यमन की जंग में उनका साथ दे, तभी वे बाइडन से बात करेंगे।
ऐसे में बाइडन ने चेतावनी दी है कि देश में तेल की कीमतें सस्ते के बजाय और महंगे हो सकते हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक एक अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि बाइडन की बातचीत भले ही सऊदी अरब के शक्तिशाली क्राउन प्रिंस से नहीं हुई लेकिन क्राउन प्रिंस के 86 वर्षीय पिता से बात हुई। उधर, यूएई के शेख मोहम्मद ने भी बाइडन के फोन के अनुरोध को ठुकराते हुए कि यह बातचीत अब बाद में होगी।
मालूम हो कि पिछले 14 वर्षों में तेल की कीमतें 130 डॉलर तक पहुंच गई हैं। सऊदी अरब और यूएई यही दोनों देश हैं जो बड़े पैमाने पर तेल की अतिरिक्त आपूर्ति कर सकते हैं। अमेरिका भी तेल की भारी कीमतों से जूझ रहा है। हालांकि बाइडेन ने तेल की कीमतों को लेकर व्लादिमीर पुतिन को जिम्मेदार ठहराया है।
वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने मंगलवार को एक संवाददाता सम्मेलन में रूसी तेल आयात पर प्रतिबंध की घोषणा की। बाइडेन ने कहा, "हम रूसी तेल और गैस तथा ऊर्जा के सभी आयातों पर प्रतिबंध लगा रहे हैं। इसका मतलब है कि रूसी तेल अब अमेरिकी बंदरगाहों पर स्वीकार्य नहीं होगा।"
बाइडेन ने कहा कि रूसी तेल से संबंधित आयात पर प्रतिबंध लगाने का उनका नर्णिय अमेरिका को भी नुकसान पहुंचाएगा।