मुंबई, 3 सितम्बर, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। अमेरिका, ताइवान को करीब 1.1 अरब डॉलर यानी 8768 करोड़ रुपए के हथियार देगा। इन हथियारों में 60 हारपून एंटी-शिप मिसाइल, साइडविंडर मिसाइलें, रडार वॉर्निंग सिस्टम और 100 एयर-टू-एयर मिसाइलें शामिल हैं। अमेरिका ने इस पैकेज की घोषणा नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्रा के बाद की थी। अमेरिकी संसद की स्पीकर नैंसी पेलोसी 2 अगस्त को ताइवान पहुंची थीं। इसके बाद से ही चीनी सेना ताइवान के बिल्कुल नजदीक मिलिट्री एक्सरसाइज कर रही है। ताइवान पर चीन के आक्रामक रवैये को देखते हुए अमेरिका ने सैन्य मदद दी है। इधर, चीन की सरकार US के इस फैसले से गुस्से में आ गई है। चीन ने अंजाम भुगतने की धमकी दी है। इसी बीच अमेरिका चीन को पछाड़ने के लिए रणनीति पर काम कर रहा है। वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका अपने सहयोगी देशों को तेजी से हथियार सप्लाई करेगा।
वॉशिंगटन में चीनी दूतावास ने अमेरिका से इस डील को कैंसल करने के लिए कहा है। दूतावास के प्रवक्ता लियू पेंग्यु ने कहा की इस डील से वॉशिंगटन और बीजिंग के संबंध खतरे में आ जाएंगे। चीन इसके खिलाफ जवाबी कदम उठाएगा। ऐसा करके अमेरिकी सरकार चीन के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप कर रही है। तो वही अमेरिकी नेवी ने 28 अगस्त को अपने दो बेहद खतरनाक और हाईली एडवांस्ड न्यूक्लियर वॉरशिप ताइवान की खाड़ी में तैनात कर दिए। दरअसल, चीन ने ताइवान के चारों ओर अपने J-20 फाइटर जेट और युद्धपोतों की तैनाती कर दी है। इसका अमेरिका सख्त जवाब दे रहा है।