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फिल्म रिव्यु - Goodbye



अमिताभ बच्चन की ये फिल्म देखने के बाद आप अपने घर जाकर अपने माता-पिता को गले लगा लेंगे और....

Posted On:Thursday, October 13, 2022

अमिताभ बच्चन, रश्मिका मंदाना, नीना गुप्ता, की फिल्म गुडबॉय सिनेमाघरों में 7 अक्टूबर 2022 को रिलीज हो गयी है। सिनेमाघरों के खुलने के बाद से ही सिनेमा प्रेमी एक फैमिली ड्रामा का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। फिल्म की दमदार स्टारकास्ट और फेस्टिव सीजन के कारण फैंस को गुडबाय से काफी उम्मीदें हैं। फिल्म इन सभी उम्मीदों पर खरी भी उतर रही है। 

क्या है फिल्म की कहानी?

अमिताभ और नीना गुप्ता के चार बच्चे हैं जो अलग अलग सेटल हैं. नीना की हार्ट अटैक से मौत हो जाती है और फिर अमिताभ किस तरह से अपने बच्चों को पत्नी के अंतिम संस्कार पर बुलाते हैं और वो बच्चे क्या वाकई में अपने परिवार से प्यार करते हैं. यही फिल्म की कहानी है. जहां वकील बनी तारा यानि रश्मिका मंदाना को रीति रिवाजों से परहेज है जैसे मौत के बाद नाक में रुई क्यों डाली जाती है और पैरों को बांधा क्यों जाता है. तो वहीं पवेल गुलाटी अपने काम और जिंदगी में ही मस्त है. मां के अंतिम यात्रा में भी airpod कान से उतरते नहीं हैं और फोन पर काम चलता रहता है. एक बेटा दुबई में फंस गया है और अमिताभ ये सुन लेते हैं कि मां की मौत की खबर सुनने के बाद ये बटर चिकन खा रहा है. वहीं एक बेटा पहाड़ों पर घूमने गया है और वो तब आता है जब मां का अंतिम संस्कार हो चुका होता है. कहानी साइंस और आस्था से जुड़े कई सवाल उठाती है.

कैसी है फिल्म में एक्टिंग?

अमिताभ बच्चन ने शानदार काम किया है. अमिताभ की एक्टिंग वो वैसे भी रिव्यू नहीं किया जा सकता. वो अपने किरदार में पूरी तरह से फिट हैं. रश्मिका मंदाना को पुष्पा की श्रीवल्ली के बाद मॉर्डन कैरेक्टर में देखकर अच्छा लगता है. रश्मिका रीति रिवाजों को सवाल उठाती हैं. उनका लॉजिक मांगती हैं. रश्मिका ने हिंदी डबिंग अच्छी की है. हालांकि कहीं कहीं साउथ एक्सेंट आ जाता है लेकिन तब भी वो दिल जीतने में कामयाब रहती हैं. मेरे लिए इस फिल्म को देखने की एक बड़ी वजह रश्मिका रहीं क्योंकि वो फ्रेश लगती है. उनमें नयापन नजर आता है. पवेल गुलाटी ने अच्छा काम किया है. काम के चक्कर में परिवार के बीच बैलेंस बैठाने वाला ये किरदार उन पर सूट भी किया है. बाकी के किरदार भी ठीक हैं.

क्यों देखें फिल्म

गुडबाय हंसाती है, रुलाती है और एक परिवार में रिश्तों के गहराइयों को बेहद बेहतरीन ढंग से समझाती हैं। फिल्म में ऐसे कई पल हैं जो ये आपको ये सोचने पर मजबूर कर देगी कि जिंदगी बेहद छोटी है। फिल्म देखने के बाद आप अपने घर जाकर अपने माता-पिता को गले लगा लेंगे। फिल्म में कई पल है जो आपको हंसाएंगे और आखें भी नम हो जाएगी।


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