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Posted On:Wednesday, August 4, 2021

सर्व विद्या की राजधानी और सर्व संक्रमण की राजधानी के बीच बस एक दीवार का फ़ासला। हैदराबाद गेट इलाके का बुरा है हाल।


वाराणसी। बीएचयू के हैदराबाद गेट के विषय में कौन ही छात्र नहीं जानता होगा या किसका ही आना जाना इस गेट से नहीं हुआ होगा सुसुवाही क्षेत्र का यह इलाका, हर छात्र, शिक्षक और अन्य निवासियों के लिए समस्त सुविधाओं का एक केंद्र बिंदु है। आए दिन लाखों की संख्या में लोग इन सड़कों से आते-जाते हैं पर बीते कुछ दिनों से यह सड़क सर्व शिक्षा की राजधानी बीएचयू और सर्व संक्रमण की राजधानी सड़कों पर जमा मल मूत्र युक्त सीवर का पानी के बीच का मार्ग बनकर रह गगई है। सड़क के बरसाती पानी और घरों के सीवर के पानी के इस अनुचित निस्तारण व्यवस्था के कारण, आए दिन यहां सड़कों पर मलमूत्र युक्त गंदा पानी भरा रहता है।





आपको बता दें कि इस क्षेत्र में घरों से निकलने वाले पानी के निष्कासन के लिए सड़कों पर सीवर लाइन की व्यवस्था नहीं है, सड़कों पर केवल नालियों के माध्यम से बारिश व घरों के गंदे पानी को बाहरी क्षेत्रों के सीवर पाइप लाइन से कनेक्ट कर निष्कासित किया जाता है। आए दिन कूड़े आदि के वजह से यह नालियां भर जाती हैं और ज्यादातर जगहों पर इसी क्षेत्र के निवासियों द्वारा इन नालियों पर अतिक्रमण कर अपनी इच्छानुसार पाट कर सकरा कर दिया गया है। परिणाम स्वरूप हल्की सी भी बारिश या बारिश का नाम भी होना इस क्षेत्र में भीषण जलभराव पैदा कर देता है।





संक्रमण के इस काल में सड़कों के किनारे लगा हुआ यह पानी विभिन्न प्रकार की बीमारियों को न्योता देता नजर आ रहा है। नगर निगम में शिकायत दर्ज कराने के बाद विभागीय कर्मचारियों द्वारा अस्थायी रूप से नालियों की सफाई कर दी जाती है, जिससे तत्कालीन रूप से समस्या तो खत्म हो जाती है पर कुछ दिनों बाद पुनः वही समस्या उत्पन्न होने लगती है।

हाल ही में वाराणसी का यह इलाका नगर निगम के दायरे में लाया गया है और स्वयं निगम के अधिकारियों का भी यह मानना है कि इन सड़कों पर बनी हुई नालियों की संरचना ही गलत है और ना ही इन नालियों का सीवर लाइन से कनेक्शन सही तरीके से किया गया है। जिसके कारण आए दिन यहां ऐसी समस्या उत्पन्न होती रहती है।




एक सवाल जो सबसे बड़ा है वह यह कि कब तक निगम के द्वारा इस इलाके में इस भीषण समस्या के निदान के ऐसे अस्थाई कार्य किए जाएंगे और कब इन समस्याओं के स्थाई निवारण हेतु इस क्षेत्र में उचित सीवर लाइन की व्यवस्था कर जलजमाव की भारी समस्या से निवासियों को निजात मिलेगी।










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