नई दिल्ली, 16 दिसंबर (न्यूज़ हेल्पलाइन) मार्च 2025 तक पूरे देश में 25 करोड़ प्रीपेड मीटरों को लगाने के लक्ष्य से 20 जुलाई 2021 को भारत सरकार द्वारा शुरू की गई पुनरोत्थान वितरण क्षेत्र योजना (RDSS) के प्रोग्रेस के बारे में यह जानकारी देते हुए केन्द्रीय विद्युत एवं नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री आर के सिंह ने आज लोकसभा में बताया कि कार्य पूरी प्रगति पर है। साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि कृषि उपभोक्ताओं के लिए स्मार्ट मीटरिंग को अनिवार्य नहीं करता है।
उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि भारत सरकार ने राष्ट्रीय स्मार्ट ग्रिड मिशन (एनएसजीएम) और एकीकृत विद्युत विकास योजना (आईपीडीएस) के तहत स्मार्ट मीटरिंग के कार्यान्वयन के लिए राज्यों को धन उपलब्ध कराया है। इसके अलावे 500 अमृत शहरों के सभी बिजली विभाग, सभी केंद्र शासित प्रदेश, एमएसएमई और अन्य सभी औद्योगिक और वाणिज्यिक उपभोक्ता, ब्लॉक स्तर और ऊपर के सभी सरकारी कार्यालय और उच्च नुकसान वाले अन्य क्षेत्रों को प्राथमिकता में रखा गया है।
इसके साथ ही उन्होंने बताया कि राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को दिसंबर, 2023 तक प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। पूरी परियोजना के लिए प्रति उपभोक्ता मीटर लागत का 7.5% या 450 रुपए प्रति उपभोक्ता मीटर, जो भी कम हो, के लिए प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा। पहले चरण के मिशन की लक्षित समय सीमा के भीतर अर्थात दिसंबर, 2023 तक स्थापित प्रीपेड स्मार्ट मीटरों के लिए "विशेष श्रेणी के राज्यों के अलावा"। विशेष श्रेणी के राज्यों के लिए प्रोत्साहन पूरी परियोजना के लिए प्रति उपभोक्ता मीटर की लागत का 11.25% होगा या 675 रुपए प्रति उपभोक्ता मीटर, जो भी कम हो, प्रदान किया जाएगा।