बनारस न्यूज डेस्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में अब रेलवे पर्यावरण संरक्षण की दिशा में बड़ा कदम उठाने जा रहा है। वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन पर मटेरियल रिकवरी फैसिलिटी प्लांट लगाया गया है, जो स्टेशन से निकलने वाले रोज़ाना के कचरे को रिसाइकल कर उपयोगी चीजों में बदल देगा। अगर सब कुछ योजना के अनुसार चला तो आने वाले 10 दिनों में यह प्लांट पूरी तरह से चालू हो जाएगा।
नॉर्दन रेलवे लखनऊ मंडल के डीआरएम एस एम शर्मा के मुताबिक, कैंट स्टेशन से हर दिन 5 से 6 टन तक कचरा निकलता है। इस प्लांट के जरिए खाने-पीने के बचे हुए सामान से खाद बनाई जाएगी, वहीं प्लास्टिक, चिप्स के रैपर, बोतलें और कागज की प्लेटों से कार्डबोर्ड तैयार होगा। इससे स्टेशन के आस-पास हरियाली बढ़ेगी और रिसाइकलिंग से तैयार चीजों का दूसरा उपयोग भी हो सकेगा।
खास बात ये है कि इस प्लांट से बनने वाली कुल खाद में से 60 फीसदी रेलवे खुद इस्तेमाल करेगा, जिससे स्टेशन और आस-पास का इलाका हरा-भरा हो सके। बाकी 40 फीसदी खाद को बेचा जाएगा। अभी यह प्लांट सिर्फ वाराणसी कैंट स्टेशन के कचरे को प्रोसेस करेगा, लेकिन आगे चलकर दूसरे रेलवे स्टेशनों पर भी इसी तरह की व्यवस्था शुरू करने की योजना है। यह पहल न सिर्फ स्टेशन को साफ रखने में मदद करेगी, बल्कि पर्यावरण की सुरक्षा में भी अहम भूमिका निभाएगी।