नई दिल्ली 3 जून - प्रॉपइक्विटी के आंकड़ों के अनुसार, 2021 की पहली तिमाही में भारत के सात शहरों में बड़े आकार की आवासीय इकाइयों (3 बीएचके और ऊपर) की बिक्री 19 प्रतिशत बढ़ गई है। जनुअरी से मार्च '21 की तिमाही के दौरान 30,169 घर बिके हैं अगर इसे पिछले साल के आकड़ो से तुलना की जाये तो पिछले वर्ष इसी अवधि के दौरान कुल 25,307 बड़े आकार की इकाइयों की बिक्री हुई थी ।
प्रॉपइक्विटी ने जारी किये रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में कई कामकाजी आबादी अब बड़े घरों की तलाश कर रही है, क्योंकि ‘वर्क फ्रॉम होम’ (WFH) अभी भी कॉरपोरेट्स के लिए केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा एक लम्बे समय तक चलने वाला सुझाव है।
बेंगलुरु, चेन्नई, हैदराबाद, मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर), राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) और पुणे ऐसे शहर हैं, जहां घरेलू बिक्री में 2020 की तुलना में 2021 में क्रमश: 10 प्रतिशत, 43 प्रतिशत, 14 प्रतिशत, 54 प्रतिशत, 13 प्रतिशत और 34 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है। इसी अवधि के दौरान केवल कोलकाता में घरेलू बिक्री में 12 प्रतिशत की गिरावट देखी गई है।
रेजिडेंशियल यूनिट का नया लॉन्च इसी अवधि में 30 प्रतिशत घट गया, क्योंकि डेवलपर्स पहले के स्टॉक को निकाल रहे थे और उन्होंने नए लॉन्च में घर के आकार में महामारी को ध्यान में रखते हुए बदलाव भी किये है।
प्रॉपइक्वि टी के संस्थापक और प्रबंध निदेशक समीर जसुजा ने कहा, “बड़े घर खरीदने की यह प्रवृत्ति भारत में जारी रहेगी क्योंकि पात्र भारतीय आबादी का पूर्ण टीकाकरण अभी भी कुछ समय दूर है. तीसरी लहर की भी उम्मीद है, जिसका प्रभावी रूप से मतलब है कि वर्क फ्रॉम होम यहां रहने वाला है.” ।