नई दिल्ली, 28 अप्रैल । चुनाव आयोग ने कोरोना महामारी के फैलते संक्रमण को देखते हुए दो मई को होने वाली मतगणना के दौरान केंद्रों पर उपस्थित रहने वाले उम्मीदवारों और उनके एजेंटों के लिए कोरोना जांच अनिवार्य कर दिया है।
आयोग का कहना है कि कोरोना जांच की रिपोर्ट नेगेटिव होनी चाहिए या फिर उनका कोविड टीकाकरण होना चाहिए। साथ ही मतगणना केंद्रों के बाहर भीड़ को इकट्ठा होने नहीं दिया जाएगा।
चुनाव आयोग ने बुधवार को राज्य निर्वाचन अधिकारियों को पत्र लिखकर मतगणना से जुड़े कोविड दिशानिर्देशों जारी किए हैं। इसके तहत मतदान केन्द्र में उपस्थिति के लिए नेगेटिव आरटी पीसीआर या फिर रैपिड एंटीजन टेस्ट रिपोर्ट होनी चाहिए या फिर कोविड के दोनों टीके लगे होने चाहिए। वैक्सीनेशन और कोविड जांच की रिपोर्ट उम्मीदवारों और एजेंटों को 48 घंटे यानी 30 अप्रैल तक देनी होगी।
आयोग का कहना है कि उम्मीदवारों को अपने काउंटिंग एजेंटों की सूची तीन दिन पहले ही रिटर्निंग ऑफिसर को देनी होगी। जिला निर्वाचन अधिकारी कोविड दिशा-निर्देशों के पालन कराने वाले नोडल अधिकारी होंगे और उन्हें ही उम्मीदवारों और एजेंटों की जांच कराने की जिम्मेदारी दी गई है। स्वास्थ्य से जुड़े संबंधित प्रशासन कोविड दिशानिर्देशों के पालन संबंधित अनुपालन प्रमाण-पत्र जारी करेगा।
इसके अलावा आयोग पहले ही कुछ दिशा-निर्देश जारी कर चुका है। आयोग ने मतगणना केन्द्र, संक्रमण बचाव उपाय और मतगणना किस प्रकार की जाएगी इसका जिक्र भी अपने पत्र में किया है। इसके अलावा मतदान के दौरान किए गए सुरक्षा उपायों का मतगणना के दौरान भी पालन होगा।
पांच राज्यों असम, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी में हुई मतगणना के नतीजे दो मई को आएंगे।