मुंबई, 31 मई, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। कांग्रेस इस बार राज्यसभा में सिर्फ 10 लोगों को ही भेज सकती है, लेकिन पार्टी में दावेदारों की संख्या 20 से ज्यादा है। इनमें गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा जैसे दिग्गज नेता शामिल हैं। राज्यसभा के लिए कैंडिडेट्स लिस्ट जारी होने के बाद से कांग्रेस के भीतर घमासान मचा हुआ है। राज्यसभा टिकट बंटवारे के बाद कांग्रेस के भीतर जहां छोटे-छोटे विरोध हो रहे हैं। वहीं पार्टी हाईकमान को G-23 से बगावत का खतरा सता रहा है। सूत्रों के मुताबिक सोनिया गांधी और गुलाम नबी आजाद के बीच बातचीत इसे रोकने की एक कोशिश है। आने वाले दिनों में सोनिया इस गुट के कुछ और नेताओं से मुलाकात कर सकती हैं। पिछले दिनों टिकट नहीं मिलने के बाद वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कांग्रेस छोड़ दी। सिब्बल ने सपा के समर्थन से निर्दलीय पर्चा भरा है। पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद से फोन पर बातचीत की है। वहीं आनंद शर्मा के भाजपा अध्यक्ष से मुलाकात की खबर भी सामने आई है। हालांकि शर्मा ने इसे खारिज कर दिया है।
इधर, महाराष्ट्र के पूर्व विधायक आशीषराव देशमुख ने महाराष्ट्र कांग्रेस महासचिव पद से इस्तीफा दे दिया है। देशमुख ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने स्थानीय के बजाय बाहरी उम्मीदवार को तरजीह दिया है, जो गलत है। वहीं AICC मेंबर विश्वबंधु राय ने दो पन्नों की चिट्ठी सोनिया गांधी को लिखी है। राय ने कहा है कि जो व्यक्ति 6 लाख वोटों से चुनाव हार गया हो, उसे किस हैसियत से राज्यसभा भेजा जा रहा है।
कांग्रेस राजस्थान और छत्तीसगढ़ में सत्ता में है और झारखंड में गठबंधन के साथ सरकार में है। राज्यसभा टिकट के ऐलान के बाद सत्ता वाले दोनों राज्यों में पार्टी के भीतर घमासान मच गया है। राजस्थान के कांग्रेस विधायक भरत सिंह ने सीएम को चिट्ठी लिखकर निशाना साधा। उन्होंने लिखा कि आज की यह सच्चाई है कि लोकसभा व विधानसभा चुनाव में लड़ने से बड़े नेता अब हिम्मत नहीं दिखाते हैं। वरिष्ठ नेता राज्य सभा के माध्यम से ही जिन्दा रहना चाहते हैं।वहीं सोशल मीडिया पर प्रवक्ता पवन खेड़ा, नगमा समेत कई नेताओं ने टिकट वितरण पर सवाल उठाया है। कांग्रेस ने राज्यसभा में 10 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं। इनमें रणदीप सुरजेवाला, अजय माकन, पी. चिदंबरम, मुकुल वासनिक जैसे नेताओं के नाम हैं।