मुंबई, 20 मार्च, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ विवादित बयान देने वाले कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है। कोर्ट ने खेड़ा के खिलाफ दर्ज तीन केस लखनऊ ट्रांसफर करने का निर्देश दिया है। इसके अलावा उन्हें 10 अप्रैल तक गिरफ्तारी से अंतरिम सुरक्षा दी है। इस दौरान पवन खेड़ा नियमित जमानत के लिए आवेदन कर सकेंगे। यानी उन्हें पुलिस गिरफ्तार नहीं करेगी। पवन खेड़ा पर UP असम में PM मोदी पर विवादित बयान पर 3 FIR दर्ज की गई हैं। विवादित बयान देने पर 23 फरवरी को असम पुलिस ने खेड़ा को दिल्ली एयरपोर्ट से गिरफ्तार कर लिया था। बाद में उनके वकील ने सुप्रीम कोर्ट में गिरफ्तारी के खिलाफ याचिका लगाई थी। कोर्ट ने तब उन्हें 17 मार्च तक गिरफ्तारी से राहत दी थी। 17 की सुनवाई में कोर्ट ने आज की तारीख दी थी।
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पीएम को गौतमदास मोदी कहा था। हालांकि बाद में उन्होंने सफाई दी थी कि उन्हें प्रधानमंत्री के नाम को लेकर कन्फ्यूजन था। इस बयान के बाद 23 फरवरी को पार्टी अधिवेशन में दिल्ली से रायपुर जाने के दौरान असम पुलिस ने खेड़ा को फ्लाइट से उतारकर गिरफ्तार कर लिया था। हालांकि बाद में एक मजिस्ट्रेट कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी थी। उधर, कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने खेड़ा को राहत देते हुए 28 फरवरी तक अंतरिम जमानत और तीनों FIR को एक जगह क्लब करने का आदेश दिया था। 30 हजार के बॉन्ड भी भरवाया गया था।
दरअसल, पवन खेड़ा ने दिल्ली में 20 फरवरी को हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर कहा था, जब अटल बिहारी वाजपेयी JPC बना सकते हैं तो नरेंद्र गौतमदास मोदी को क्या समस्या है। नाम भले ही दामोदर दास है। उनका काम गौतमदास का है। हालांकि बाद में उन्होंने सफाई दी थी प्रधानमंत्री के नाम को लेकर उन्हें कन्फ्यूजन था। इस बयान के बाद पवन खेड़ा पर असम के दीमा हसाओ जिले के हाफलोंग में कम्युनल डिस्टर्बेंस और राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर केस दर्ज किया गया। यूपी के वाराणसी और लखनऊ में FIR दर्ज की गई थी। लखनऊ में हजरतगंज थाने में BJP के MLC मुकेश शर्मा ने FIR दर्ज की थी।
वहीं, CJI ने कहा था, हमने आपको प्रोटेक्शन दिया है, लेकिन बयानबाजी का भी कुछ स्तर होना चाहिए। इस पर खेड़ा के वकील सिंघवी ने कहा, हम भी इस तरह के बयान का समर्थन नहीं करते। साथ ही पवन खेड़ा ने कहा, असम पुलिस ने गैरकानूनी तरीके से मुझे अरेस्ट किया। गिरफ्तारी को लेकर न ही मुझे पहले से कोई सूचना दी गई और न ही कोई नोटिस मिला। मुझे न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है, जिसने आज मेरी फ्रीडम ऑफ स्पीच की रक्षा की। मामला कोर्ट में है, इसलिए कोई टिप्पणी नहीं करुंगा।